RBI Rules: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देशभर के सभी बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को रेगुलेट करता है। आरबीआई समय-समय पर नियमों को लागू करवाने और वित्तीय संस्थानों की ऐक्टिविटी पर निगरानी रखने के लिए सख्त कदम उठाता है। इसी कड़ी में अब इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) और इक्विटस स्मॉल फाइनेंस बैंक (Equitas Small Finance Bank) के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
किन बैंकों पर लगा जुर्माना?
आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन के चलते तीन संस्थानों पर कुल 94.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) पर 26.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
- इक्विटस स्मॉल फाइनेंस बैंक पर 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
- अप्टस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
क्यों लगाया गया जुर्माना?
आरबीआई द्वारा इन बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर जुर्माना लगाए जाने के पीछे कुछ मुख्य कारण रहे हैं। इन संस्थानों ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों की अवहेलना की, जिसकी वजह से आरबीआई ने उन पर यह कड़ी कार्रवाई की है।
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पर क्यों हुआ एक्शन?
भारतीय रिजर्व बैंक ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) पर 26.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
- ग्राहकों की पर्मिशन के बिना कुछ बचत खातों को अपग्रेड कर दिया गया।
- खाता अपग्रेडेशन के बाद बिना पूर्व सूचना दिए वार्षिक शुल्क भी लगाया गया।
- आरबीआई की जांच के दौरान इस गड़बड़ी का पता चला, जिसके बाद यह जुर्माना लगाया गया।
इक्विटस स्मॉल फाइनेंस बैंक पर क्यों लगा भारी जुर्माना?
इक्विटस स्मॉल फाइनेंस बैंक पर 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
- बैंक ने व्यावसायिक उद्देश्य के बजाय व्यक्तिगत उधारकर्ताओं से कुछ फ्लोटिंग रेट टर्म लोन पर फौजदारी शुल्क वसूला।
- 1.6 लाख रुपये तक की राशि वाले कुछ लोन के लिए कोलेटरल सिक्योरिटी प्राप्त की गई, जो नियमों के विरुद्ध थी।
- इन कमियों के आधार पर आरबीआई ने यह दंड लगाया है।
अप्टस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर क्यों हुई कार्रवाई?
आरबीआई ने अप्टस फाइनेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 3.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
- इस कंपनी ने मैनेजमेंट में बदलाव करने से पहले आरबीआई से पूर्व लिखित पर्मिशन नहीं ली।
- कंपनी के 30% निदेशक बदल गए और स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर नए निदेशकों की नियुक्ति की गई।
- इस बदलाव की सूचना आरबीआई को समय पर नहीं दी गई, जिसके कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और फिर जुर्माना लगाया गया।
क्या ग्राहकों पर पड़ेगा कोई असर?
आरबीआई ने साफ किया है कि यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन में हुई कमियों पर आधारित है और इसका ग्राहकों के बैंकिंग लेनदेन या खातों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- बैंक के मौजूदा ग्राहक अपने रेगुलर बैंकिंग लेनदेन जारी रख सकते हैं।
- आरबीआई का यह कदम बैंकों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
आरबीआई द्वारा नियमों की सख्त निगरानी क्यों जरूरी?
भारतीय बैंकिंग प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए आरबीआई की भूमिका बहुत अहम होती है। यदि कोई बैंक या वित्तीय संस्था नियमों का पालन नहीं करती है, तो यह ग्राहकों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
- बैंकों को वित्तीय नियमों का पालन करना जरूरी होता है ताकि ग्राहकों की राशि सुरक्षित रहे।
- नियमों के उल्लंघन से बैंकिंग प्रणाली में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं बढ़ सकती हैं।
- इस तरह की सख्त कार्रवाई से भविष्य में अन्य बैंकों को भी सही तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरणा मिलती है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कार्रवाईयां
आरबीआई समय-समय पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के खिलाफ सख्त कदम उठाता रहा है।
- हाल ही में HDFC बैंक, SBI और ICICI बैंक पर भी आरबीआई निर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई की गई थी।
- इससे पहले Paytm Payments Bank पर भी कई प्रकार की पाबंदियां लगाई गई थीं।