इस प्राइवेट बैंक पर RBI ने की कड़ी कार्रवाई, KYC में लापरवाही करना पड़ा भारी Private Bank

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Private Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (HSBC) और आईआईएफएल समस्ता फाइनेंस लिमिटेड (IIFL Samasta Finance Limited) पर भारी जुर्माना लगाया है। HSBC पर 66.6 लाख रुपये और IIFL समस्ता फाइनेंस पर 33.1 लाख रुपये का दंड लगाया गया है। यह कार्रवाई ‘नो योर कस्टमर’ (KYC) और जमा पर ब्याज दर (Interest Rates on Deposits) से जुड़े नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है।

RBI के अनुसार यह दंड क्यों लगाया गया?

RBI के अनुसार, इन वित्तीय संस्थानों द्वारा नियामक निर्देशों का पालन नहीं किया गया था। हालांकि, यह दंड केवल अनुपालन में कमी को दर्शाने के लिए है और इसका उद्देश्य इन संस्थानों द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।

HSBC पर 66.6 लाख रुपये का जुर्माना

HSBC पर 66.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि बैंक ने अपने ग्राहकों से जुड़े KYC और जमा पर ब्याज दरों के निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया। HSBC एक ग्लोबल बैंकिंग संस्था है और इस पर पहले भी विभिन्न देशों में वित्तीय नियामकों द्वारा जुर्माना लगाया जा चुका है।

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IIFL समस्ता फाइनेंस पर 33.1 लाख रुपये का दंड

IIFL समस्ता फाइनेंस पर भी रिजर्व बैंक ने 33.1 लाख रुपये का दंड लगाया है। यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है और इस पर ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी – प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण गैर-जमा स्वीकार करने वाली कंपनी और जमा स्वीकार करने वाली कंपनी (रिजर्व बैंक) निर्देश, 2016’ और KYC नियमों के उल्लंघन का आरोप है।

क्या है ‘नो योर कस्टमर’ (KYC) नियम?

KYC (Know Your Customer) नियमों के तहत बैंक और वित्तीय संस्थानों को अपने ग्राहकों की पहचान वेरफाइ करनी होती है। इसके तहत पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान प्रमाणों की जांच की जाती है। इन नियमों का पालन न करने पर बैंकिंग संस्थानों को जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

14.2% पर पहुंची बढ़ोतरी दर

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में बताया कि पर्सनल लोन (Personal Loan) की बढ़ोतरी दर 24 जनवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े में घटकर 14.2% रह गई है। यह गिरावट ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड बकाया के धीमे वितरण के कारण हुई है। पिछले साल इसी अवधि में यह वृद्धि दर 18.2% थी।

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ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड बकाया में गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार, ‘अन्य पर्सनल लोन’, ‘ऑटो लोन’ और ‘क्रेडिट कार्ड बकाया’ जैसे सेगमेंट में कमजोर प्रदर्शन देखने को मिला है।

  1. ऑटो लोन में गिरावट – वाहन खरीदारी में कमी आने के कारण ऑटो लोन की मांग घटी है।
  2. क्रेडिट कार्ड बकाया में सुस्ती – उपभोक्ताओं द्वारा अधिक क्रेडिट खर्च न करने के कारण क्रेडिट कार्ड बकाया में बढ़ोतरी धीमी हुई है।

गैर-खाद्य बैंक लोन में भी हुई गिरावट

रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 जनवरी, 2025 को समाप्त पखवाड़े तक गैर-खाद्य बैंक क्रेडिट 12.5% बढ़ा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 16.2% था। इसका अर्थ है कि बैंकिंग क्षेत्र में लोन वितरण की रफ्तार पहले की तुलना में थोड़ी धीमी हो गई है।

कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए लोन में गिरावट

कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए बैंक लोन में भी गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक:

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  • 2024 में इस सेगमेंट में 20% की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि 2025 में यह घटकर 12.2% रह गई।
  • कृषि क्षेत्र में धीमी बढ़ोतरी के पीछे संभावित कारण ग्रामीण इलाकों में कम क्रेडिट डिमांड और सरकारी नीतियों में बदलाव हो सकते हैं।

औद्योगिक लोन में मामूली सुधार

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उद्योगों को दिया जाने वाला बैंक लोन 8.2% बढ़ा, जो पिछले साल इसी अवधि में 7.5% था। इसका मतलब यह है कि औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ रहा है और कंपनियां बैंकों से अधिक कर्ज ले रही हैं।