School Holidays Extended: राजस्थान में कड़ाके की सर्दी का असर लगातार बढ़ रहा है. शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए अजमेर जिले में जिला कलेक्टर लोक बंधु ने 8 जनवरी को कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित किया. यह फैसला मौसम विभाग द्वारा जारी शीतलहर की चेतावनी के आधार पर लिया गया है. हालांकि शिक्षण स्टाफ को स्कूल में उपस्थिति देनी होगी. लेकिन छात्रों को इस दौरान स्कूल आने से छूट दी गई है.
नौवीं से बारहवीं कक्षा की पढ़ाई पर कोई असर नहीं
हालांकि कक्षा 9 से 12वीं तक की पढ़ाई निर्धारित समय पर चलती रहेगी. जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि सभी स्कूल प्रमुख इस फैसले का सख्ती से पालन करें. अगर किसी स्कूल में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित संस्था प्रमुख के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जाएगी.
नागौर मे स्कूलों में छुट्टी
नागौर जिले में तापमान गिरकर प्रदेश में सबसे कम दर्ज हुआ है. इस कड़ाके की सर्दी को देखते हुए जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए 11 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है. इससे पहले शीतकालीन अवकाश खत्म होने के बाद मंगलवार को जब स्कूल खुले, तो घने कोहरे और कड़ाके की ठंड में बच्चों को स्कूल जाना पड़ा.
शिक्षा विभाग की ढिलाई पर उठे सवाल
नागौर में अवकाश की घोषणा देर से होने के कारण प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं. अन्य जिलों में जहां सोमवार शाम तक अवकाश बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए थे. वहीं नागौर में शिक्षा विभाग की सुस्ती और उदासीनता के कारण बच्चों और उनके अभिभावकों को परेशानी झेलनी पड़ी.
दौसा मे स्कूल बंद
दौसा जिले में भी ठंड का असर जारी है. जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए 9 जनवरी तक छुट्टी बढ़ा दी है. यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
ठंड से जनजीवन प्रभावित
राजस्थान के कई जिलों में शीतलहर ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. ठंड के कारण बाजारों में रौनक कम हो गई है और सुबह-शाम लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. कोहरे की वजह से सड़क और रेल यातायात भी बाधित हो रहा है.
शीतलहर से बचने के उपाय
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें और बच्चों को विशेष ध्यान दें. स्कूल प्रशासन से भी अपील की गई है कि स्कूल परिसर में उचित गर्मी का इंतजाम करें.
प्रशासन की तैयारी पर सवाल
हालांकि अवकाश बढ़ाने का फैसला स्वागत योग्य है. लेकिन प्रशासन की तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं. समय पर आदेश जारी न होने से बच्चों और उनके परिवारों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. प्रशासन को चाहिए कि ऐसे निर्णयों को लेकर तत्परता दिखाए और भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचने के लिए एक स्पष्ट और समयबद्ध नीति बनाए.
सर्दी में शिक्षा पर असर
शीतलहर के चलते बार-बार स्कूलों में अवकाश बढ़ाने से पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है. शिक्षकों और छात्रों को इस ठंड के मौसम में ऑनलाइन या वैकल्पिक माध्यम से पढ़ाई जारी रखने पर विचार करना चाहिए. इससे बच्चों की शिक्षा पर ठंड का असर कम किया जा सकेगा.