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School Holiday Calendar: पिछले कुछ वर्षों में मौसम के बदलते मिजाज ने शैक्षणिक सत्र पर गहरा प्रभाव डाला है. चाहे कड़ाके की सर्दी हो, बिपरजॉय जैसा तूफान या आग उगलती गर्मी—स्कूलों में तय छुट्टियों के अलावा अतिरिक्त छुट्टियां घोषित करनी पड़ी हैं. राजस्थान जैसे राज्यों में शीतलहर और बारिश के चलते कई बार शीतकालीन अवकाश को बढ़ाना पड़ा है. इससे न केवल छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बल्कि अभिभावकों पर आर्थिक बोझ और मानसिक तनाव भी बढ़ा है.
पिछले वर्षों में छुट्टियों का बढ़ता आंकड़ा
- 2025: जयपुर, कोटा, अजमेर और करौली जैसे जिलों में 18 जनवरी तक छुट्टियां बढ़ाई गईं.
- 2024: बीकानेर और नागौर में 11 जनवरी तक जबकि सवाई माधोपुर में 8वीं कक्षा तक के बच्चों की छुट्टियां 16 जनवरी तक बढ़ाई गईं.
- 2023: 25 जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की छुट्टियां 4 दिन तक बढ़ीं. जून में बिपरजॉय तूफान के कारण सिरोही, पाली और उदयपुर जैसे जिलों में एक-दो दिन का अवकाश घोषित किया गया.
पढ़ाई और शिक्षा पर पड़ रहा असर
- बढ़ती छुट्टियों के कारण शिक्षकों को कम समय में पाठ्यक्रम पूरा करने का दबाव रहता है. यह जल्दबाजी में पढ़ाई का कारण बनता है. जिससे छात्रों का ज्ञान अधूरा रह जाता है.
- अभिभावकों को अतिरिक्त फीस का भुगतान करना पड़ता है. जबकि उनके बच्चों की पढ़ाई का समय घट जाता है.
- लंबी छुट्टियों के दौरान घर पर बच्चों की पढ़ाई में नियमितता नहीं रहती. इससे उनकी सीखने की प्रक्रिया बाधित होती है.
शिक्षा सत्र में बदलाव की जरूरत
मौसम के बदलते मिजाज को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक कैलेंडर को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है. उदाहरण के लिए:
- प्रवेश प्रक्रिया जनवरी में शुरू हो.
- वार्षिक परीक्षाएं दिसंबर में आयोजित की जाएं.
- गर्मी और सर्दी के चरम समय में प्रोजेक्ट वर्क और होमवर्क पर ध्यान दिया जाए.
- पढ़ाई के साथ-साथ सहशैक्षणिक गतिविधियों के लिए समय निर्धारित किया जाए.
छुट्टियों के दौरान विकल्प
- छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं को बढ़ावा देकर पढ़ाई को नियमित किया जा सकता है.
- छुट्टियों के दौरान छात्रों को कक्षानुसार रचनात्मक कार्य और प्रोजेक्ट दिए जाएं, ताकि वे अपनी पढ़ाई से जुड़े रहें.
- छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियों का प्रशिक्षण देकर स्कूलों को अपग्रेड किया जा सकता है.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत पढ़ाई का समय
प्राथमिक स्तर
- न्यूनतम 200 दिन/वर्ष.
- रोजाना न्यूनतम 4 घंटे पढ़ाई.
उच्च प्राथमिक स्तर
- न्यूनतम 220 दिन/वर्ष.
- रोजाना न्यूनतम 5 से 6 घंटे पढ़ाई.
वर्तमान स्थिति और छुट्टियों का विश्लेषण
सालाना छुट्टियां
- 52 रविवार.
- 20 जयंती और उत्सव.
- 45 ग्रीष्मकालीन अवकाश.
- 11 शीतकालीन अवकाश.
- 10 दिन दीपावली.
- 02 दिन शिक्षक सम्मेलन.
इन सबके अलावा, कलक्टर अधिकृत छुट्टियों और मौसम के कारण बढ़ती छुट्टियों ने पढ़ाई के दिनों को और कम कर दिया है.
समाधान की दिशा में कदम
- विशेषज्ञों की मदद से शिक्षा सत्र को इस तरह से तैयार किया जाए कि छुट्टियों का प्रभाव कम हो.
- ऑनलाइन पढ़ाई के लिए प्रभावी प्लेटफॉर्म तैयार किए जाएं, ताकि मौसम के कारण स्कूल बंद होने पर भी पढ़ाई जारी रहे.
- गर्मी और सर्दी के चरम समय में स्कूलों का समय बदलने या होमवर्क बढ़ाने जैसे कदम उठाए जाएं.
- सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों के बीच शिक्षा के स्तर में समानता लाने के प्रयास किए जाएं.