Madhya Pradesh: भोपाल में पिपलानी बी-सेक्टर से खजूरी कलां बायपास तक बनने वाली 4.20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य लगातार देरी का शिकार हो रहा है। यह सड़क करीब 25 करोड़ 43 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रही है, लेकिन विभिन्न बाधाओं के कारण इसका काम धीमी गति से चल रहा था। मुख्य रूप से बिजली के पोल हटाने में हो रही देरी के कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
बिजली के पोल शिफ्टिंग में देरी से अटका निर्माण कार्य
निर्मल नगर, टैगोर नगर और गोपाल नगर के आसपास बिजली के पोल शिफ्टिंग न होने की वजह से सड़क निर्माण का कार्य आठ महीने से रुका हुआ था। यह देरी न केवल यातायात में बाधा बन रही थी, बल्कि सड़क से जुड़ी दो दर्जन कॉलोनियों के दो लाख से अधिक निवासियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। स्थानीय अखबारों और नागरिकों की शिकायतों के बाद प्रशासन ने बिजली के पोल हटाने का कार्य शुरू किया, जिससे निर्माण कार्य को गति मिली।
दो साल पहले हुआ था भूमिपूजन
इस सड़क का भूमिपूजन अप्रैल 2023 में किया गया था। पहले सड़क की चौड़ाई को लेकर विवाद हुआ, फिर विधानसभा चुनाव के चलते निर्माण कार्य में देरी हुई। बीच में कार्य ने रफ्तार पकड़ी, लेकिन विभिन्न बाधाओं के कारण यह एक बार फिर धीमा पड़ गया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, अगले एक-दो महीने में इस सड़क का काम पूरा करने की योजना है, लेकिन निर्माण एजेंसी की सुस्ती और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण अभी भी तीन किलोमीटर का हिस्सा अधूरा पड़ा है।
लाखों लोगों को मिलेगा फायदा
यह सड़क प्रतिदिन तीन लाख से अधिक लोगों के आवागमन का प्रमुख मार्ग बनने वाली है। पिपलानी बी-सेक्टर से लेकर रायसेन बायपास को जोड़ने वाली यह फोरलेन सड़क क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण कॉलोनियों को जोड़ेगी। सड़क बनने से एसओएस बालग्राम, गोपाल नगर, शिवलोक, टैगोर नगर, निर्मल नगर, कृष्णा नगर, राजौरिया फार्म हाउस, पूर्वांचल, नागार्जुन नगर, राधाकुंज समेत कई कॉलोनियों के निवासियों को आवागमन में राहत मिलेगी।
आधी सड़क बन चुकी
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना के तहत पिपलानी बी-सेक्टर स्थित इलाहाबाद बैंक से लेकर एसओएस बालग्राम-पानी की टंकी-निर्मल नगर तक का हिस्सा बन चुका है। हालांकि, बाकी सड़क पर निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। अधूरे सड़क कार्य के कारण लोगों को रोजाना जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
विभागीय उदासीनता बनी देरी का कारण
इस सड़क का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग (PWD) की ई एंड एम विंग द्वारा कराया जा रहा है, लेकिन बेहतर मॉनिटरिंग की कमी के कारण निर्माण कार्य लगातार देरी से चल रहा था। बिजली के पोलों के कारण सड़क पर काम पूरी तरह से ठप पड़ा था। स्थानीय निवासियों और मीडिया ने जब इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तब जाकर बिजली विभाग हरकत में आया और पोल शिफ्टिंग का कार्य शुरू हुआ।
अधिकारी क्या कहते हैं?
पीडब्ल्यूडी की एसडीओ निकिता त्रिवेदी ने बताया कि सड़क का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब बिजली के पोल भी हटा दिए गए हैं। इससे आने वाले दिनों में इस सड़क पर आवागमन सुगम हो सकेगा।