Students Scholarship: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने का मुद्दा जोरशोर से उठा। विधायक उमेश मीणा ने इस संबंध में सवाल उठाया, जिसके जवाब में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि 2017 से 2021 के बीच बजट कम होने के कारण छात्रवृत्ति का वितरण समय पर नहीं हो पाया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस समस्या का समाधान करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र
मंत्री अविनाश गहलोत ने जानकारी दी कि वर्ष 2021 से 2024 तक की छात्रवृत्ति के भुगतान के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के छात्रों की छात्रवृत्ति का 75% हिस्सा केंद्र सरकार और 25% हिस्सा राज्य सरकार देती है। मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद केंद्र सरकार ने 250 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिससे 2017 से 2021 तक की बकाया छात्रवृत्ति मार्च के पहले सप्ताह तक वितरित कर दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने दिए पुराने बकाया निपटाने के निर्देश
मंत्री गहलोत ने बताया कि केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि पहले 2017 से 2021 तक की बकाया छात्रवृत्ति की राशि 31 मार्च तक पूरी तरह से भुगतान कर दी जाए। इसके बाद 2021 से 2024 तक की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। यह फैसला उन छात्रों के लिए राहतभरा साबित होगा जो लंबे समय से इस सहायता राशि का इंतजार कर रहे थे।
आदिवासी छात्रों को छात्रवृत्ति से मिलेगा फायदा
राज्य सरकार ने आदिवासी क्षेत्र के छात्रों को छात्रवृत्ति का पूरा लाभ दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले में केंद्र सरकार से चर्चा कर चुके हैं और वे भी पर्सनली इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से मुलाकात कर चुके हैं। सरकार की मंशा है कि भविष्य में छात्रों को इस तरह की किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
सरकार की प्रतिबद्धता और योजनाएं
मंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी योजनाओं पर काम कर रही है जिससे छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया को सरल और तेज किया जा सके। डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है ताकि छात्र बिना किसी परेशानी के छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकें।
छात्रवृत्ति देरी से होने वाली समस्याएं
छात्रवृत्ति की देरी से छात्रों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई छात्रों को उच्च शिक्षा जारी रखने में दिक्कतें आती हैं, क्योंकि वे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से होते हैं। किताबें, हॉस्टल फीस, कोचिंग शुल्क और अन्य जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए छात्रवृत्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है।
छात्रों की मांग और सरकार का रुख
छात्रों का कहना है कि उन्हें समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने से पढ़ाई में कई तरह की बाधाएं आती हैं। इस मुद्दे को लेकर छात्र संगठनों ने कई बार प्रदर्शन भी किए। सरकार ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है और अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भविष्य में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति के लिए इंतजार न करना पड़े।
छात्रवृत्ति प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के प्रयास
राज्य सरकार अब छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा दे रही है। ऑनलाइन आवेदन, समय पर सत्यापन और सीधे बैंक खातों में राशि हस्तांतरित करने जैसी प्रक्रियाओं को अपनाया जा रहा है। इससे भ्रष्टाचार कम होगा और छात्र समय पर अपनी राशि प्राप्त कर सकेंगे।