हरियाणा के स्कूलों में होगी LED TV से पढ़ाई, डिजिटाइजेशन को लेकर सराहनीय कदम LED TV in Haryana Schools

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LED TV in Haryana Schools: हरियाणा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को अधिक रोचक और असरदार बनाना है ताकि बच्चे विज्ञान और तकनीकी के प्रति अधिक जागरूक हो सकें।

एलईडी टीवी के माध्यम से डिजिटल पढ़ाई

योजना के तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को एलईडी टीवी के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए सिलेबस पढ़ाए जाएंगे। इस आधुनिक तकनीक का उपयोग छात्रों की समझ को बेहतर बनाने और उनके सीखने की प्रक्रिया को अधिक इंटरएक्टिव बनाने के लिए किया जा रहा है।

पहले चरण में 8 जिलों के 420 सरकारी स्कूलों में लागू

सरकार ने योजना के पहले चरण में प्रदेश के 8 जिलों में कुल 420 सरकारी स्कूलों को एलईडी टीवी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इनमें हिसार जिले के 20 स्कूल भी शामिल हैं, जहां अप्रैल महीने से एलईडी टीवी दिए जाएंगे।

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दूसरे चरण में 13 जिलों के 400 स्कूलों में विस्तार

शिक्षा निदेशालय ने योजना के दूसरे चरण में 13 जिलों के 400 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों को शामिल करने की योजना बनाई है। इन जिलों में मई माह से एलईडी टीवी प्रदान किए जाएंगे, जिससे डिजिटल शिक्षा को और बढ़ावा मिलेगा।

किन जिलों में होगी योजना की शुरुआत?

दूसरे चरण में जिन 13 जिलों में यह योजना लागू होगी, उनमें अंबाला, फतेहाबाद, जींद, महेंद्रगढ़, हिसार, झज्जर, कैथल, नूंह, पलवल, पंचकूला, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। सभी चयनित स्कूलों में इसी शैक्षणिक सत्र से एलईडी टीवी के माध्यम से पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी।

डिजिटल शिक्षा से बच्चों को क्या फायदा?

  1. रोचक और प्रभावी शिक्षा – डिजिटल माध्यम से पढ़ाई होने के कारण बच्चे अधिक रुचि से सीखेंगे।
  2. इंटरएक्टिव लर्निंग – ऑडियो-विजुअल तकनीकों का उपयोग बच्चों को विषयों की गहरी समझ देने में मदद करेगा।
  3. तकनीकी ज्ञान में बढ़ोतरी – आधुनिक तकनीक का उपयोग करने से छात्रों में डिजिटल साक्षरता विकसित होगी।
  4. शिक्षा का लेवल बेहतर होगा – पारंपरिक पढ़ाई की तुलना में डिजिटल लर्निंग छात्रों को अधिक स्पष्टता और व्यावहारिक ज्ञान देगी।

शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका

इस योजना की सफलता के लिए शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। शिक्षक बच्चों को नई तकनीक से परिचित कराने में मदद करेंगे, जबकि अभिभावक घर पर बच्चों को डिजिटल शिक्षा अपनाने के लिए मोटीवैट कर सकते हैं।

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