Traffic Rules: गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने वाहन चालकों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। अब यदि कोई वाहन चालक चालान का भुगतान 90 दिनों के अंदर नहीं करता है, तो पुलिस उसके वाहन को रोक सकती है। यह कदम उन वाहन चालकों के खिलाफ उठाया गया है जो चालान कटने के बाद भी महीनों तक भुगतान नहीं करते। ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त (DCP Traffic) वीरेंद्र विज ने इस संबंध में यातायात अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाएं और चालान भरने की समय सीमा के बारे में लोगों को सूचित करें।
यातायात नियमों की अनदेखी करना पड़ेगा महंगा
अक्सर देखा जाता है कि वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते और जब उनका चालान कटता है तो वे इसे लंबे समय तक नहीं भरते। कई बार एक ही वाहन पर कई चालान पेंडिंग हो जाते हैं। इस समस्या को देखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस ने सख्त कदम उठाने का फैसला लिया है। यदि कोई व्यक्ति 90 दिनों के भीतर चालान का पेमेंट नहीं करता है और उसका वाहन दोबारा ट्रैफिक चेकिंग के दौरान पकड़ा जाता है, तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उस वाहन को तुरंत रोक लिया जाएगा।
चालान का समय पर भुगतान क्यों है जरूरी?
वाहन चालान का समय पर भुगतान न करने से न केवल जुर्माने की राशि बढ़ती है, बल्कि कई कानूनी समस्याएं भी हो सकती हैं।
- ब्याज और एक्स्ट्रा फीस: यदि चालान समय पर नहीं भरा जाता है, तो उस पर ब्याज और एक्स्ट्रा फीस लग सकता है।
- वाहन जब्ती का खतरा: अब पुलिस 90 दिनों के बाद चालान नहीं भरने वालों के वाहन जब्त कर सकती है।
- ड्राइविंग लाइसेंस पर प्रभाव: बार-बार चालान नहीं भरने पर ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
- बीमा क्लेम में दिक्कत: अगर वाहन का चालान पेंडिंग है, तो बीमा कंपनियां वाहन दुर्घटना की स्थिति में क्लेम देने से इनकार कर सकती हैं।
चालान भरने के आसान तरीके
अगर आप अपने वाहन पर कटे चालान का भुगतान करना चाहते हैं, तो इसके कई तरीके उपलब्ध हैं:
- ऑनलाइन पेमेंट: आप गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन चालान भर सकते हैं।
- ई-चालान पोर्टल: सरकार के ई-चालान पोर्टल पर जाकर भी चालान का भुगतान किया जा सकता है।
- UPI और मोबाइल ऐप: पेटीएम, गूगल पे, फोनपे आदि से भी चालान भरा जा सकता है।
- ट्रैफिक पुलिस केंद्र: नजदीकी ट्रैफिक पुलिस केंद्र में जाकर नकद या कार्ड से भुगतान कर सकते हैं।
क्या होगा अगर चालान नहीं भरा?
यदि कोई वाहन चालक चालान भरने में देरी करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि 90 दिनों के बाद भी चालान नहीं भरने वाले वाहनों को रोककर जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही, कोर्ट में पेशी भी हो सकती है, जिससे परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है।
साइबर ठगों ने अपनाया नया तरीका
गुरुग्राम में एक नया साइबर फ्रॉड सामने आया है, जहां ठगों ने खुद को बिजली विभाग की विजिलेंस टीम का अधिकारी बताकर एक व्यक्ति से 10 हजार रुपये ठग लिए। ठगों ने पीड़ित को फोन कर अवैध बिजली कनेक्शन के नाम पर धमकाया और तुरंत पैसे ट्रांसफर करने को कहा। डर के कारण पीड़ित ने पैसे भेज दिए, लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है।
कैसे हुआ ठगी का शिकार?
सेक्टर 67 वर्धमान सोसायटी के निवासी सौरभ सिंह ने इस मामले की शिकायत साइबर थाना साउथ में दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उनके पिता रमेश कुमार को एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। कॉल करने वाले ने खुद को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले का बिजली विभाग अधिकारी बताया। उसने रमेश कुमार को बताया कि उनके नाम पर एक अवैध बिजली कनेक्शन चल रहा है और यदि वे तुरंत 10 हजार रुपये जमा नहीं करेंगे, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डर के कारण पैसे ट्रांसफर कर दिए
रमेश कुमार इस धमकी से डर गए और उन्होंने तुरंत 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उन्हें इस धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तब उन्होंने अपने बेटे सौरभ सिंह को इसकी जानकारी दी। इसके बाद सौरभ ने तुरंत साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
ठगी से बचने के लिए क्या करें?
आजकल साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है।
- बिजली विभाग से वेरीफाई करें: यदि आपको इस तरह का कोई कॉल आता है, तो पहले बिजली विभाग के ऑफिसियल नंबर पर कॉल करके इसकी सत्यता की जांच करें।
- फोन पर पैसे ट्रांसफर न करें: कभी भी किसी अनजान कॉलर के कहने पर पैसे ट्रांसफर न करें।
- अज्ञात नंबरों से सावधान रहें: यदि कोई कॉलर खुद को अधिकारी बताकर आपसे पैसे मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
- साइबर पुलिस से संपर्क करें: अगर आपको किसी भी तरह की ठगी का शक हो, तो तुरंत साइबर पुलिस को रिपोर्ट करें।
- बैंक खाते की जानकारी किसी से शेयर न करें: ठग अक्सर लोगों को धमकाकर या बहला-फुसलाकर उनकी बैंक डिटेल्स ले लेते हैं, इसलिए अपनी गोपनीय जानकारी किसी को न दें।