Haryana Farmers: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में प्रदेश में हुई ओलावृष्टि और बेमौसमी बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला जाए, ताकि प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को आदेश दिए हैं कि वे किसानों की मदद करें और नुकसान की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करवाएं।
कुरुक्षेत्र के 97 गांवों की फसलें हुई बर्बाद
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में 97 गांव ओलावृष्टि और बारिश से प्रभावित हुए हैं। इनमें तहसील शाहाबाद के सभी गांव और सब-तहसील बाबैन के 7 गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों में हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान झेलना पड़ा है। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोलने का निर्णय लिया है।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 20 मार्च 2025 तक खुला रहेगा
हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 20 मार्च 2025 तक खोल दिया है। इस पोर्टल पर किसान अपनी फसल के नुकसान की जानकारी दर्ज करवा सकते हैं। इसके तहत जिन किसानों की फसलें ओलावृष्टि और बारिश से प्रभावित हुई हैं, वे अपनी रिपोर्ट ऑनलाइन जमा कर मुआवजे की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।
फसल क्षति की जानकारी कैसे दर्ज करें?
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, ताकि किसान आसानी से आवेदन कर सकें। इसके लिए:
- ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: किसान ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल की ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करें।
- रजिस्ट्रेशन करें: आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ अपना रजिस्ट्रेशन करें।
- फसल क्षति की जानकारी दें: प्रभावित फसल का विवरण, नुकसान का अनुमान और खेत की तस्वीरें अपलोड करें।
- सबमिट करें: जानकारी भरने के बाद आवेदन को सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।
किसानों को कितनी सहायता मिलेगी?
हरियाणा सरकार ने किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की उचित भरपाई देने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत:
- छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- फसल क्षति का सर्वेक्षण करने के बाद मुआवजे की राशि तय की जाएगी।
- किसानों के बैंक खातों में सीधे मुआवजा ट्रांसफर किया जाएगा।
- विशेष मामलों में किसानों को अतिरिक्त अनुदान भी दिया जा सकता है।
प्रशासन और किसानों के बीच समन्वय
सरकार ने जिलों के उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को पोर्टल पर आवेदन करने में मदद करें। इसके लिए:
- गांव स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे ताकि किसानों को ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया समझाई जा सके।
- राजस्व विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से सीधे संपर्क करेंगे और उनके आवेदन में सहायता करेंगे।
- पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।
प्रभावित किसानों को राहत मिलने की उम्मीद
किसानों के लिए यह योजना एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, क्योंकि बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। हरियाणा सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से किसानों को जल्द ही मुआवजा मिलने की उम्मीद है, जिससे वे अपने आर्थिक नुकसान की भरपाई कर सकेंगे।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों को अपनी फसल बीमा योजना का भी लाभ उठाना चाहिए, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके। इसके अलावा:
- किसानों को बदलते मौसम को ध्यान में रखते हुए खेती की नई तकनीकों को अपनाना चाहिए।
- अधिक बारिश और ओलावृष्टि से बचने के लिए जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।
- किसानों को सरकार की अन्य योजनाओं की भी जानकारी रखनी चाहिए, ताकि वे अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।