World’s Largest Buffalo: भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में भैंसा एक जाना-पहचाना और कामकाजी जानवर है। आपने भी कई बार भैंसों को खेतों में काम करते या तालाबों में नहाते देखा होगा। गांवों में तो भैंसों को दूध देने वाले प्रमुख जानवरों में गिना जाता है। आमतौर पर भैंसे मजबूत शरीर वाले होते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भैंसा देखा है जो अपने विशाल शरीर से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दे? शायद नहीं।
थाईलैंड में है दुनिया का सबसे बड़ा भैंसा
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के अनुसार, दुनिया का सबसे बड़ा भैंसा थाईलैंड के नाखोन रत्चासिमा में मौजूद है। इस भैंसे का नाम ‘किंग कॉन्ग’ रखा गया है। यह नाम सुनकर आपको फिल्म ‘किंग कॉन्ग’ की याद आ सकती है, जिसमें एक विशाल गोरिल्ला दिखाया गया था। लेकिन यहां बात हो रही है एक असली भैंसे की, जो अपने आकार और वजन के कारण दुनियाभर में चर्चा में है।
कितना बड़ा है ‘किंग कॉन्ग’?
‘किंग कॉन्ग’ नाम के इस भैंसे की लंबाई खुर से लेकर कूबड़ तक 185 सेंटीमीटर यानी लगभग 6 फीट 1 इंच है। सोचिए, एक इंसान से भी लंबा यह भैंसा कितना विशालकाय होगा। इसके शरीर का वजन भी आम भैंसों की तुलना में कई गुना ज्यादा है। इतना बड़ा और भारी शरीर होने के बावजूद ‘किंग कॉन्ग’ का नेचर बेहद शांत और मिलनसार बताया जा रहा है।
कब और कहां हुआ जन्म?
‘किंग कॉन्ग’ का जन्म 1 अप्रैल 2021 को थाईलैंड के निनलानी फार्म में हुआ था। यह फार्म नाखोन रत्चासिमा प्रांत में स्थित है, जो थाईलैंड का एक प्रमुख कृषि क्षेत्र है। ‘किंग कॉन्ग’ के माता-पिता भी इसी फार्म में रहते हैं। जन्म के बाद से ही यह भैंसा अपने कद और वजन की वजह से खास रहा है, लेकिन जैसे-जैसे यह बड़ा हुआ, इसके आकार ने सबको हैरान कर दिया।
नाम क्यों पड़ा ‘किंग कॉन्ग’?
इस भैंसे का नाम ‘किंग कॉन्ग’ रखने की वजह उसका विशाल शरीर है। आमतौर पर जानवरों को उनके स्वभाव या आकार के आधार पर नाम दिया जाता है। किंग कॉन्ग भी बचपन से ही बाकी भैंसों से काफी बड़ा और भारी था। इसकी लंबाई और भारी-भरकम शरीर को देखते हुए ही फार्म के मालिक ने इसे ‘किंग कॉन्ग’ नाम दिया।
कैसा है ‘किंग कॉन्ग’ का स्वभाव?
आमतौर पर बड़ा शरीर होने के कारण कई जानवर आक्रामक हो सकते हैं, लेकिन ‘किंग कॉन्ग’ इसके बिल्कुल उलट है। यह भैंसा बेहद शांत स्वभाव का है और लोगों के साथ जल्दी घुलमिल जाता है। फार्म में मौजूद लोग बताते हैं कि ‘किंग कॉन्ग’ को खेलना-कूदना और फार्म में दौड़ना-भागना बहुत पसंद है। इसके अलावा यह बच्चों और बाकी जानवरों के साथ भी आराम से रहता है।
फार्म में कैसे रखा जाता है इसका ध्यान?
‘किंग कॉन्ग’ का शरीर इतना बड़ा है कि इसके लिए खास व्यवस्था की गई है। निनलानी फार्म में इसके खाने-पीने से लेकर रहने तक के लिए अलग इंतजाम किए गए हैं। इसे हर दिन विशेष आहार दिया जाता है जिसमें हरी घास, अनाज और ताकत बढ़ाने वाले पोषक तत्व शामिल हैं। फार्म के कर्मचारी इसके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखते हैं और समय-समय पर इसका चेकअप कराया जाता है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
2024 में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘किंग कॉन्ग’ का नाम आधिकारिक तौर पर दुनिया के सबसे बड़े भैंसे के तौर पर दर्ज किया गया। इस रिकॉर्ड ने न सिर्फ थाईलैंड बल्कि पूरे विश्व में इसे लोकप्रिय बना दिया है। अब ‘किंग कॉन्ग’ दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग इसे देखने के लिए निनलानी फार्म पहुंच रहे हैं।
दुनिया भर से आ रहे हैं लोग (People from around the world visiting)
‘किंग कॉन्ग’ को देखने के लिए अब निनलानी फार्म में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। थाईलैंड आने वाले सैलानी इस अनोखे भैंसे को देखना नहीं भूलते। स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी सैलानी भी इसकी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इससे फार्म की पॉपुलरटी भी काफी बढ़ गई है और अब यह एक तरह से टूरिस्ट स्पॉट बन चुका है।
किंग कॉन्ग की देखभाल में बरती जाती है खास सावधानी (Special care for ‘King Kong’)
विशेष रूप से बड़े आकार के जानवरों को कई बार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए फार्म के डॉक्टर और विशेषज्ञ ‘किंग कॉन्ग’ के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच करते हैं। इसके खाने में संतुलित आहार और विटामिन्स शामिल किए जाते हैं ताकि इसका शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे। फार्म में इसके लिए खुला मैदान भी है जहां यह आराम से दौड़-भाग सकता है।