Yamuna Expressway: यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर है। ठंड और घने कोहरे को देखते हुए दिसंबर में जो गति सीमा घटाई गई थी, उसे अब फिर से पुरानी स्थिति में बहाल किया जा रहा है। 16 फरवरी से एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटे और भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। इससे पहले, 15 दिसंबर को सुरक्षा कारणों से हल्के वाहनों की गति सीमा 75 किमी प्रति घंटे और भारी वाहनों की 60 किमी प्रति घंटे कर दी गई थी।
कोहरे के कारण बढ़ती दुर्घटना
सर्दियों के मौसम में घना कोहरा अक्सर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता है। विजिबिलिटी कम होने से वाहन चालकों को सड़क पर आगे देखना मुश्किल हो जाता है, जिससे टक्कर और अन्य हादसे बढ़ जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, यमुना एक्सप्रेसवे मैनेजमेंट ने 15 दिसंबर से वाहनों की गति सीमा को अस्थायी रूप से कम कर दिया था। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था।
एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा व्यवस्था को किया गया मजबूत
गति सीमा में बदलाव के साथ ही एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए थे। दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए टाइम शेड्यूल और आपातकालीन संपर्क नंबर शेयर किए गए थे। इसके अलावा, ओवरलोड वाहनों पर नजर रखने के लिए जीरो पॉइंट से जेवर टोल प्लाजा तक चार-चार टीमों को तैनात किया गया था।
पेट्रोलिंग गाड़ियों की संख्या बढ़ाई गई
सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग गाड़ियों की संख्या 11 से बढ़ाकर 15 कर दी गई थी। ये गाड़ियां लगातार एक्सप्रेसवे पर गश्त करती हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जा सके। इसके अलावा, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाने का भी खास अभियान चलाया गया था।
पुराने नियमों से चलेगी ट्रैफिक व्यवस्था
यमुना एक्सप्रेसवे प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी जे.के. शर्मा ने जानकारी दी कि गति सीमा को छोड़कर बाकी सभी व्यवस्थाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। इससे वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। हल्के और भारी वाहन अब अपनी सामान्य गति से एक्सप्रेसवे पर चल सकेंगे, जिससे सफर पहले से तेज और सुगम हो जाएगा।
गति सीमा के उल्लंघन पर 4000 से ज्यादा चालान
गति सीमा में बदलाव के दौरान, यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाने के लिए कड़ी निगरानी रखी गई। नतीजतन, 15 जनवरी से 10 फरवरी तक ओवरस्पीडिंग के कारण 4,172 चालान काटे गए। इन चालानों के जरिए कुल 86 लाख 64 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया। यह दर्शाता है कि कई वाहन चालक गति सीमा का पालन करने में लापरवाही बरत रहे थे।
दुर्घटनाओं में आई कमी
प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गति सीमा घटाने के कारण यमुना एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं में कमी दर्ज की गई। कम रफ्तार से चलने के कारण टकराव और अन्य हादसों की संख्या में गिरावट आई, जिससे यात्रियों को सुरक्षित सफर का अनुभव मिला। अब जबकि कोहरे की स्थिति में सुधार हो रहा है, पुरानी गति सीमा को फिर से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
ड्राइवरों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
हालांकि गति सीमा बढ़ाई जा रही है, लेकिन वाहन चालकों को अब भी ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। प्रशासन ने ड्राइवरों को ये निर्देश दिए हैं:
- स्पीड लिमिट का पालन करें: हल्के वाहन 100 किमी/घंटा और भारी वाहन 80 किमी/घंटा की सीमा से अधिक न चलाएं।
- सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें: सभी वाहन चालक और सवारियों को सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा।
- ओवरस्पीडिंग से बचें: स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर सख्त कार्रवाई होगी, जिससे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
- ओवरलोडिंग न करें: क्षमता से अधिक भार ले जाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
- अचानक ब्रेक न लगाएं: हाईवे पर अचानक ब्रेक लगाने से पीछे आ रहे वाहनों के लिए खतरा बढ़ सकता है।