Har Ghar Har Grihini Yojana: हरियाणा की नायब सैनी सरकार गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. उन्हीं में से एक है ‘हर घर- हर गृहिणी’ योजना, जिसके तहत अंत्योदय परिवारों को रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद परिवारों को रसोई गैस की सुविधा प्रदान करना और लकड़ी व कोयले के धुएं से होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों से बचाना है.
पर्यावरण प्रदूषण कम करने की पहल
लोहारू एसडीएम मनोज दलाल के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में चलाई जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ बनाना और घरों में स्वच्छ ईंधन का उपयोग सुनिश्चित करना है. पारंपरिक ईंधन के कारण होने वाले धुएं से महिलाओं को श्वसन से जुड़ी समस्याएं होती हैं. यह योजना न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करेगी.
मुखिया के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए सब्सिडी
इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं. गांवों में डिपो होल्डर और गैस एजेंसियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. पात्र लाभार्थियों के आवेदन कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से लिए जा रहे हैं. रसोई गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी की राशि परिवार के मुखिया के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजी जाएगी.
कौन-कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.
- लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) अनिवार्य है.
- बीपीएल राशन कार्ड, गुलाबी राशन कार्ड और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) कार्ड धारक परिवार ही इस योजना के तहत पात्र होंगे.
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र परिवार epds.haryanafood.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेजों में परिवार पहचान पत्र, राशन कार्ड, बैंक खाता विवरण और आधार कार्ड शामिल हैं.
योजना से होने वाले लाभ
- गरीब परिवारों को रसोई गैस की सुविधा मिलने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा.
- लकड़ी और कोयले के उपयोग में कमी आएगी, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा.
- महिलाओं को रसोई में धुएं से होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी.
- डिजिटल भुगतान प्रणाली के कारण पारदर्शिता बनी रहेगी और सीधे लाभार्थियों के खाते में राशि पहुंचेगी.