Haryana Employees: हरियाणा में कर्मचारियों और मजदूर संगठनों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार पर न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करने का दबाव बढ़ा दिया है। भारतीय मजदूर संघ के बाद अब राज्य सरकारी कर्मचारी संघ ने भी बढ़ती महंगाई को आधार बनाकर वेतन बढ़ोतरी की मांग तेज कर दी है।
5 मार्च को होगी बैठक
मजदूर और कर्मचारी संगठनों की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने 5 मार्च को न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी बोर्ड की बैठक बुलाई है। प्रदेश में साल में दो बार न्यूनतम वेतन बढ़ाने का प्रावधान है, जिसमें कामगार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में बदलाव के आधार पर नई वेतन दरें तय की जाती हैं।
हरियाणा में वर्तमान न्यूनतम वेतन संरचना
हरियाणा में इस समय कर्मचारियों और मजदूरों को ये वेतन मिल रहा है:
- अकुशल कर्मचारी: ₹11,001 प्रति माह
- अर्धकुशल कर्मचारी: ₹11,551 – ₹12,129 प्रति माह
- कुशल कर्मचारी: ₹12,736 – ₹13,372 प्रति माह
- उच्च कुशल कर्मचारी: ₹14,041 प्रति माह
प्रदेश में हर छह महीने बाद न्यूनतम वेतन दरों को संशोधित किया जाता है, लेकिन इस बार मजदूर संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए वेतन बढ़ोतरी अपर्याप्त है और इसमें तत्काल बदलाव किया जाना चाहिए।
भारतीय मजदूर संघ की सरकार से सिफारिश
भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ तीन दिन पहले बैठक कर मजदूरों और कर्मचारियों के वेतन संशोधन की मांग की थी। उनका कहना है कि न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी न होने से कामगारों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
महंगाई बढ़ने से कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ीं
हरियाणा में कर्मचारियों और मजदूरों की सबसे बड़ी शिकायत है कि बढ़ती महंगाई के बावजूद वेतन में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हुई। रोजमर्रा की जरूरतें जैसे खाद्य पदार्थ, आवास किराया, परिवहन और स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, लेकिन वेतन में केवल मामूली बढ़ोतरी हुई है।
सरकार की भूमिका और संभावित फैसले
5 मार्च को होने वाली बैठक में सरकार इस मुद्दे पर मजदूर संगठनों के साथ विचार-विमर्श करेगी। यदि सरकार मजदूर संगठनों की मांगों को मंजूर करती है, तो जल्द ही नए वेतन संरचना की घोषणा की जा सकती है।
अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा में न्यूनतम वेतन
हरियाणा में न्यूनतम वेतन अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है, लेकिन यह दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से कम है। उदाहरण के लिए,
- दिल्ली में न्यूनतम वेतन: ₹17,234 प्रति माह
- महाराष्ट्र में न्यूनतम वेतन: ₹15,000 प्रति माह
- हरियाणा में न्यूनतम वेतन: ₹11,001 प्रति माह
इसलिए, मजदूर संगठनों का कहना है कि हरियाणा में भी वेतन दरों को बढ़ाकर दिल्ली और महाराष्ट्र के समान किया जाए।
सरकार और संगठनों के बीच टकराव की स्थिति
सरकार की ओर से अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन मजदूर संगठनों का कहना है कि अगर वेतन में उचित बढ़ोतरी नहीं हुई तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर सकते हैं।