Teachers Pension: नगर के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत 144 शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल किया गया है। यह फैसला शिक्षा विभाग के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में आदेश जारी किया, जिसके बाद शिक्षकों और कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
अटेवा संगठन की बड़ी जीत
ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के प्रदेश संयुक्त मंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह फैसला संगठन के लंबे संघर्ष का नतीजा है। अटेवा 2013 से पुरानी पेंशन बहाली के लिए आंदोलन कर रहा है, और अब इसका पॉजिटिव परिणाम देखने को मिल रहा है। 2005 से पहले विज्ञापन जारी होने के कारण इन शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है।
पुरानी पेंशन क्यों है जरूरी?
शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बेहद महत्वपूर्ण है। नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत सेवानिवृत्त होने पर शिक्षकों को केवल 3,000 से 4,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है, जो उनके जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है। जबकि पुरानी पेंशन योजना के तहत उन्हें अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने की सुविधा मिलती है।
अटेवा करेगा जंतर-मंतर पर प्रदर्शन
संयुक्त मंत्री अखिलेश यादव ने यह भी बताया कि संगठन शत-प्रतिशत कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से अब नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। अटेवा का मानना है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को समान पेंशन का लाभ मिलना चाहिए, ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रहें।
विशिष्ट बीटीसी के 46,189 शिक्षकों की पेंशन पर विचार
पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकार अब अन्य शिक्षकों के मामले में भी विचार कर रही है। विधान परिषद में 46,189 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की पुरानी पेंशन बहाली पर चर्चा हुई। निर्दलीय सदस्यों राजबहादुर सिंह चंदेल और डॉ. आकाश अग्रवाल ने इस मुद्दे को उठाया और सरकार से जवाब मांगा।
2005 से पहले जारी विज्ञापनों को मिलेगा फायदा
विधान परिषद में हुए इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि 28 मार्च 2005 के पहले जारी हुए भर्ती विज्ञापनों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों का विज्ञापन 20 फरवरी 2004 को जारी किया गया था, लेकिन विभागीय देरी के कारण उनकी नियुक्ति दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में हुई। अब सरकार इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
सरकार की ओर से पॉजिटिव संकेत
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने विधान परिषद में बयान दिया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है। फिलहाल, बेसिक शिक्षा विभाग इस मामले की जांच कर रहा है और जल्द ही शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
पुरानी पेंशन योजना बहाली का असर
पुरानी पेंशन योजना बहाल होने से शिक्षकों और कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। इससे सरकारी सेवा में स्थिरता बनी रहेगी और कर्मचारी भविष्य की चिंता से मुक्त होकर अपने कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। सरकार की इस पहल से हजारों कर्मचारियों को राहत मिलने की संभावना है।
शिक्षकों की मांग – सभी को मिले समान अधिकार
शिक्षक संगठनों की मांग है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत शामिल किया जाए। अटेवा और अन्य संगठनों का मानना है कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों को वित्तीय असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। पुरानी पेंशन योजना उन्हें एक निश्चित पेंशन देती है, जिससे वे बिना आर्थिक चिंता के अपना जीवन बिता सकते हैं।
नई पेंशन बनाम पुरानी पेंशन: क्या है अंतर?
विशेषताएँ | पुरानी पेंशन योजना | नई पेंशन योजना (एनपीएस) |
---|---|---|
पेंशन की गारंटी | आजीवन सुनिश्चित पेंशन | बाजार आधारित पेंशन |
सरकार का योगदान | पूर्ण योगदान सरकार द्वारा | कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान |
रिटाइरमेंट के बाद सुरक्षा | पूरी तरह से वित्तीय सुरक्षा | कोई निश्चित पेंशन राशि नहीं |
कर्मचारी संतुष्टि | उच्च | कम |
शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए राहत
पुरानी पेंशन योजना की बहाली से शिक्षकों को न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनके भविष्य की चिंता भी दूर होगी। इसका असर शिक्षा प्रणाली पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि इससे शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे अधिक समर्पण से अपने कार्य कर सकेंगे।