Road Accident Help: देश में सड़क हादसों की संख्या हर साल बढ़ रही है और इसके साथ ही सड़क पर जान गंवाने वाले लोगों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है. खासकर अच्छे हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के विस्तार के बावजूद सड़क हादसों की रफ्तार में कोई कमी नहीं आ रही है. इस बढ़ते खतरे के मद्देनजर सरकार अब सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की तैयारी में है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नया कदम उठाया है. जिसमें सड़क हादसों में घायल हुए व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन राशि को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. यह कदम सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाता है और साथ ही लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है.
घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि
अब तक सड़क हादसों में घायल होने वाले व्यक्तियों को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को 5,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी. लेकिन हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि यह राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी जाएगी. इससे न केवल लोगों को एक वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा. बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि लोग घायल व्यक्तियों को जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचाने में तत्परता दिखाएं. यह कदम दुर्घटनाओं के बाद घायलों को समय पर इलाज मिलने के अवसर को बढ़ावा देगा. जिससे मृत्यु दर में भी कमी आ सकती है.
सड़क पर गलत तरीके से खड़े वाहनों की सूचना देने पर मिलेगा इनाम
सड़क सुरक्षा में एक और अहम पहल के रूप में, सरकार अब ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रही है, जिसमें लोग सड़क पर गलत तरीके से खड़े वाहनों की सूचना दे सकेंगे. यदि कोई नागरिक सड़क पर खड़े किसी वाहन का फोटो नंबर सहित लेकर यातायात पुलिस को सूचना भेजेगा, तो उस वाहन के खिलाफ चालान जारी किया जाएगा. सबसे अहम बात यह है कि सूचना देने वाले व्यक्ति को चालान राशि का दस प्रतिशत कमीशन के रूप में मिलेगा. इससे न केवल सड़क पर अनुशासन बढ़ेगा. बल्कि लोग जागरूक होकर इस तरह की जानकारी देने में अधिक सक्रिय होंगे.
भारत में हर दिन 474 लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि वर्तमान में हर दिन औसतन 474 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं. यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है क्योंकि यह किसी भी अन्य बड़ी आपदा, जैसे युद्ध या कोविड महामारी से भी अधिक है. मंत्री ने यह भी कहा कि वर्ष 2024 में सड़क हादसों में एक लाख 80 हजार लोगों की जान गई. जिनमें से 66 प्रतिशत लोग 18 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के थे. यह युवाओं के लिए एक बड़ा संकट है. क्योंकि सड़क हादसों में उनकी जान जा रही है. इसके अलावा, मंत्री ने यह भी बताया कि 50,000 लोग ऐसे थे जिनकी जान बचाई जा सकती थी. यदि उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया होता.
स्कूलों के पास सड़क हादसों में बच्चों की मौत चिंता का विषय
सड़क हादसों में बच्चों की जान जाना और भी अधिक दुखद है. क्योंकि यह जीवन के सबसे मासूम और अनमोल क्षण होते हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस वर्ष सड़क किनारे स्थित स्कूलों की गलत एंट्री-एग्जिट व्यवस्था के कारण 10,000 बच्चों की जान गई. यह आंकड़ा बेहद गंभीर है और सड़क सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है. मंत्री ने राज्य सरकारों से कहा कि वे अपने बजट में इस समस्या को हल करने के लिए 1,000 से 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करें. ताकि स्कूलों के सामने उचित रोड डिजाइन, फुटओवर ब्रिज और अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए जा सकें.
सड़क सुरक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाएं और उनकी अहमियत
सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा की जा रही इन पहलों का उद्देश्य सड़क हादसों को कम करना और लोगों के जीवन की सुरक्षा करना है. इन पहलों से न केवल हादसों में घायल होने वालों की संख्या कम हो सकती है, बल्कि लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी. सरकार की यह कोशिश है कि समाज के सभी वर्गों को सड़क सुरक्षा के महत्व का एहसास हो और वे खुद भी जिम्मेदारी से वाहन चलाएं. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क किनारे की स्थिति बेहतर हो और हादसों का खतरा कम हो.
सड़क हादसों में घायलों को बचाने के लिए प्रभावी कदम
सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों की जान बचाने के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाना बेहद जरूरी है. गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार की योजना है कि एक्सप्रेसवे और हाईवे पर एम्बुलेंस सेवाओं को और प्रभावी बनाया जाए. ताकि हादसों के तुरंत बाद घायलों को इलाज मिल सके. इसके अलावा एनएचएआई द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग कैंप भी आयोजित किए जाएंगे. जहां लोगों को दुर्घटनाओं के बाद आपातकालीन स्थिति में कैसे कार्य करना है, इस पर प्रशिक्षित किया जाएगा.
भविष्य में सड़क सुरक्षा का दिशा-निर्देश
भारत में सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएं बना रही है, जिनका उद्देश्य न केवल सड़क हादसों को कम करना. बल्कि आम नागरिकों को सड़क पर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना भी है. सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है क्योंकि यह जीवन के संरक्षण और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. अगर इन योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो निश्चित रूप से सड़क हादसों में कमी आएगी और लाखों जीवन बचाए जा सकेंगे.