Toll Tax Hike: अगर आप राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देशभर में टोल टैक्स (Toll Tax Hike) की दरें बढ़ाने का फैसला किया है। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो रोजाना या अक्सर हाईवे का इस्तेमाल करते हैं। दोपहिया वाहन से लेकर भारी वाहन तक, सभी को अब पहले से ज्यादा टोल टैक्स देना होगा। नई दरें एक अप्रैल 2025 से लागू कर दी जाएंगी।
क्यों बढ़ रहा है टोल टैक्स?
एनएचएआई के मुताबिक, हर साल टोल टैक्स की दरों में सामान्य बढ़ोतरी की जाती है। यह एक तय प्रक्रिया होती है, जो महंगाई दर (WPI – Wholesale Price Index) और अन्य वित्तीय कारणों पर आधारित होती है। इस बार भी वही फॉर्मूला लागू किया गया है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने जानकारी दी कि यह एक रूटीन बढ़ोतरी है और हर साल की तरह अप्रैल महीने में इसे लागू किया जाएगा। हालांकि, इस बार लोकसभा चुनावों की वजह से पिछले साल अप्रैल में बढ़ोतरी नहीं हो पाई थी, लेकिन जून में दरों में इजाफा किया गया था।
कितनी होगी टोल टैक्स में बढ़ोतरी?
फिलहाल मिली जानकारी के अनुसार, इस बार टोल टैक्स में लगभग 5 रुपये से 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि यह बढ़ोतरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर अलग-अलग टोल प्लाजा पर अलग-अलग हो सकती है।
कई रूट्स पर यह बढ़ोतरी छोटी होगी, लेकिन उन लोगों पर ज्यादा असर पड़ेगा जो रोजाना इन टोल प्लाजा से गुजरते हैं। खासतौर से ट्रांसपोर्टरों और व्यवसायिक वाहनों पर इसका सीधा असर दिखेगा, क्योंकि इनका रोजाना का खर्च बढ़ जाएगा।
किन मार्गों पर बढ़ेगा टोल टैक्स?
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर यह बढ़ोतरी लागू की जाएगी। इसमें लखनऊ के सीतापुर रोड, कानपुर हाईवे का नवाबगंज टोल प्लाजा, अयोध्या हाईवे के अहमदपुर और रौनाही टोल प्लाजा, रायबरेली मार्ग का दखिना शेखपुर टोल प्लाजा शामिल है।
इन सभी मार्गों पर अप्रैल से दरें बढ़ा दी जाएंगी। एनएचएआई की तरफ से इन सभी टोल प्लाजा की नई दरों की सूची मार्च के लास्ट वीक तक अपडेट कर दी जाएगी और 31 मार्च की मध्यरात्रि से ये दरें लागू हो जाएंगी।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर दिखेगा असर
टोल टैक्स में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर पड़ेगा। ट्रक, बस और अन्य भारी वाहनों को पहले से ज्यादा चार्ज देना होगा, जिसका बोझ लास्ट मे आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मालभाड़ा (freight charges) बढ़ने से बाजार में कई उत्पादों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं। खासतौर से सब्जियां, फल, अनाज और अन्य जरूरी सामान जो एक शहर से दूसरे शहर में ट्रकों के जरिए पहुंचते हैं, उनकी कीमतों में बदलाव संभव है।
रोजाना सफर करने वालों पर पड़ेगा असर
जो लोग रोजाना अपनी गाड़ी से ऑफिस या अन्य कामों के लिए लखनऊ से सीतापुर, अयोध्या, रायबरेली, या कानपुर हाईवे का इस्तेमाल करते हैं, उनके खर्च में सीधा इजाफा होगा। हर रोज के हिसाब से यह बढ़ोतरी मामूली लग सकती है, लेकिन महीने के अंत में यह एक बड़ा खर्च बनकर सामने आएगी।
खासकर ऑफिस जाने वाले प्राइवेट गाड़ियों के मालिक और कैब ड्राइवर इस बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे।
सामान्य प्रक्रिया है टोल टैक्स बढ़ाना
एनएचएआई का कहना है कि टोल टैक्स की यह बढ़ोतरी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और यह हर साल की जाती है। परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि हर साल अप्रैल में टोल टैक्स की दरें बढ़ाई जाती हैं, ताकि सड़क निर्माण और रखरखाव के खर्चों की भरपाई हो सके।
उन्होंने कहा कि इस बार की बढ़ोतरी भी बहुत सामान्य है और लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि टोल टैक्स में यह बढ़ोतरी महंगाई दर से भी जुड़ी हुई है।