बिना मोबाइल और सिम के नही चलेगा ट्रेडिंग अकाउंट, UPI पेमेंट जैसा सिस्टम होगा तैयार Trading Account

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Trading Account: आज के दौर में स्‍मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्‍सा बन चुका है। हर छोटे-बड़े काम के लिए मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल किया जाता है। खासतौर पर डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन निवेश के क्षेत्र में स्‍मार्टफोन की भूमिका काफी बढ़ गई है। लोग अब शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए मोबाइल ऐप्स का सहारा ले रहे हैं।

सेबी का नया नियम

स्‍टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अब सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने के लिए नए नियम लागू करने की तैयारी कर ली है। अब शेयर बाजार में ट्रेडिंग अकाउंट को एक निश्चित सिम कार्ड और डिवाइस से लिंक करने का ऑफर दिया गया है। इस पहल को ‘One UCC-One Device-One SIM’ नाम दिया गया है।

ट्रेडिंग अकाउंट एक्सेस के लिए जरूरी होगा रजिस्टर्ड सिम कार्ड

सेबी के नए नियम के अनुसार, अब शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए निवेशकों को अपने ट्रेडिंग अकाउंट को एक रजिस्टर्ड सिम कार्ड और मोबाइल फोन से लिंक करना होगा। पहले ट्रेडिंग अकाउंट को आसानी से किसी भी डिवाइस से एक्‍सेस किया जा सकता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होगी। यह नियम UPI भुगतान सिस्टम की तरह काम करेगा, जिससे धोखाधड़ी और साइबर अपराध पर रोक लगाई जा सकेगी।

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यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) को डिवाइस और सिम कार्ड से जोड़ना अनिवार्य

सेबी के नए फ्रेमवर्क के तहत ट्रेडर्स को अपने यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) को डिवाइस के IMEI नंबर और रजिस्टर्ड सिम कार्ड से लिंक करना होगा। यह प्रक्रिया निवेशकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए की गई है। इसके अलावा, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को भी इस नए सिस्टम में शामिल किया गया है।

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से मिलेगी एक्स्ट्रा सैफ्टी

नए नियमों के अनुसार, अब निवेशकों को अपने खाते तक पहुंचने के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का उपयोग करना होगा। यह सिक्‍योरिटी फीचर सुनिश्चित करेगा कि केवल वेरफाइड व्‍यक्ति ही अपने ट्रेडिंग अकाउंट का इस्‍तेमाल कर सके।

QR कोड की मदद से लैपटॉप और डेस्कटॉप पर लॉग-इन पॉसिबल

नए नियमों के तहत, अगर ट्रेडर अपने अकाउंट को लैपटॉप या डेस्कटॉप पर एक्‍सेस करना चाहता है, तो उसे QR कोड स्‍कैन करना होगा। यह लॉगइन प्रक्रिया एक लिमिटेड टाइम तक वैध होगी, जिसके बाद अकाउंट खुद ही लॉगआउट हो जाएगा। इससे अकाउंट की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा।

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डेटा बैकअप का मिलेगा ऑप्शन

निवेशकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सेबी ने इस नए नियम में बैकअप का ऑप्शन भी जोड़ा है। ट्रेडर्स को अब अपने डेटा खोने की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि नए सिस्टम में डेटा को सुरक्षित रूप से स्‍टोर करने की सुविधा दी जाएगी।

पुराने ट्रेडिंग ऑप्शन भी रहेंगे जारी

सेबी ने पारंपरिक ट्रेडिंग प्रक्रिया को भी जारी रखने का फैसला लिया है। यदि कोई निवेशक कॉल या ईमेल के माध्यम से ट्रेडिंग करना चाहता है, तो उसे अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी का उपयोग करना होगा। यह एक्स्ट्रा सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करेगा कि किसी अनधिकृत व्यक्ति को ट्रेडिंग अकाउंट का एक्सेस न मिल सके।

निवेशकों के लिए यह बदलाव क्यों जरूरी?

  1. साइबर फ्रॉड पर रोक: इस नए सिस्टम से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
  2. सुरक्षा में इजाफा: बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और QR लॉगिन के कारण ट्रेडिंग अकाउंट अधिक सुरक्षित होंगे।
  3. डेटा चोरी से बचाव: IMEI और सिम कार्ड लिंक होने से अनधिकृत एक्सेस की संभावना कम होगी।
  4. UPI जैसी सुविधा: ट्रेडिंग प्रक्रिया अब डिजिटल भुगतान सिस्टम की तरह अधिक सुरक्षित और तेज होगी।

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