Mumbai Goa Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मुंबई से गोवा जाने वाले हाईवे पर यात्रा के समय को घटाने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई है. यह एक्सप्रेसवे JNPT के पास पगोटे से पुराने पुणे हाईवे पर चौक जंक्शन तक बनेगा, जो लगभग 30 किलोमीटर लंबा होगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,700 करोड़ रुपये है और इसे 30 महीनों में पूरा किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से मुंबई और गोवा के बीच यात्रा का समय मात्र 20 से 30 मिनट तक घट जाएगा. जिससे यात्री अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच सकेंगे.
महत्वपूर्ण राजमार्गों को जोड़ेगा नया एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे कई महत्वपूर्ण राजमार्गों को जोड़ने वाला है, जिनमें उरण-चिरनेर हाईवे, गोवा हाईवे, और पुणे एक्सप्रेसवे शामिल हैं. इसके अलावा, भविष्य में इसे आलिबाग-विरार मल्टीमॉडल कॉरिडोर, मुर्बाड-जुन्नर हाईवे, समृद्धि एक्सप्रेसवे, और नासिक हाईवे से भी जोड़ा जाएगा. यह एक्सप्रेसवे वडोदरा-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से भी जुड़ने वाला है, जिससे मुंबई, गोवा, पुणे और अन्य क्षेत्रों के बीच यात्रा में और भी तेजी आएगी. इससे माल ढुलाई के लिए प्रमुख बंदरगाहों और हवाई अड्डों तक पहुंच और अधिक आसान हो जाएगी.
यात्रा होगी तेज और बिना रुकावट के
नए एक्सप्रेसवे की योजना के अनुसार यह अटल सेतु के सेवरी छोर पर कोस्टल रोड और वर्ली के पास सी लिंक से जुड़ा होगा. इसके आगे का विस्तार आलिबाग-विरार मल्टीमॉडल कॉरिडोर, मुर्बाड-जुन्नर हाईवे, समृद्धि एक्सप्रेसवे और नासिक हाईवे से होगा. जिससे यह विभिन्न प्रमुख राजमार्गों से जोड़ा जाएगा. यह नया एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के वडोदरा-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का हिस्सा भी बनेगा.
इस एक्सप्रेसवे का शुरुआती 30 किलोमीटर का हिस्सा आलिबाग-विरार कॉरिडोर के समानांतर एक रिंग रोड की तरह काम करेगा. जिससे यात्री बिना किसी रुकावट के तेज और सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे. इस योजना से यात्री को नियमित ट्रैफिक जाम और लम्बे समय तक हाईवे पर रुकने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी.
NHAI द्वारा काम के आदेश की तैयारी
NHAI इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए जल्द ही काम के आदेश जारी करेगा. निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद सात महीनों के भीतर जताई गई है. NHAI के क्षेत्रीय प्रबंधक अंशुमाली श्रीवास्तव ने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के बनने से 10,000 से अधिक वाहनों के लिए यातायात सुव्यवस्थित होगा. इन वाहनों में मल्टी-एक्सल कंटेनर ट्रक भी शामिल होंगे. जो वर्तमान में विभिन्न हाईवे के टुकड़ों पर यात्रा करते हैं और जाम की समस्या उत्पन्न करते हैं. नए एक्सप्रेसवे के जरिए इन वाहनों के लिए यात्रा को आसान और तेज बनाया जाएगा. जिससे सड़कों पर भीड़भाड़ कम होगी और यात्रा का समय भी घटेगा.
सुरक्षा और सुविधाएं
यह नया एक्सप्रेसवे केवल यात्रा के समय को घटाने का ही नहीं, बल्कि यात्री सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है. एक्सप्रेसवे की डिज़ाइन में सुरक्षा के उच्चतम मानकों को ध्यान में रखा जाएगा. इस एक्सप्रेसवे में एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) और सीसीटीवी निगरानी जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल किया जाएगा. ताकि यात्रियों को सुरक्षा प्रदान की जा सके. इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर एम्बुलेंस, मेडिकल सहायता और आपातकालीन सेवाएं भी उपलब्ध होंगी. जो किसी भी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में तुरंत मदद कर सकेंगी.
संचालन और रख-रखाव की सुविधाएं
NHAI द्वारा इस एक्सप्रेसवे के लिए एक मजबूत रख-रखाव योजना बनाई जाएगी. इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि मार्ग हमेशा सुरक्षित और यात्रियों के लिए सुगम हो. इसके लिए नियमित रूप से सड़क की मरम्मत, सफाई और अन्य जरूरी कार्य किए जाएंगे. इसके अलावा एक्सप्रेसवे के किनारे रेस्ट एरिया और पेट्रोल पंप भी होंगे. जिससे यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
आर्थिक विकास में योगदान
इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल यात्रियों की यात्रा में तेजी आएगी. बल्कि यह क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा. गोवा, मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों के बीच तेज संपर्क स्थापित होने से व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से पर्यटन क्षेत्र में भी वृद्धि की संभावना है. क्योंकि यह यात्रियों के लिए यात्रा को और भी आसान बनाएगा.