CBSE New Guidelines: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार करते हुए एक ही मान्यता पर दो स्कूल संचालित करने की अनुमति दी है. इसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना और छात्रों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है. यह निर्णय एफलिएशन कमेटी की बैठक में लिया गया था. जिसके बाद बोर्ड सचिव हिमांशु गुप्ता ने आदेश जारी कर दिए.
कैसे होंगे स्कूलों के संचालन के नए नियम?
नई नीति के तहत, यदि कोई मुख्य विद्यालय (मेन स्कूल) पहले से मान्यता प्राप्त है, तो उसी नाम से एक ब्रांच स्कूल खोला जा सकता है.
- मेन स्कूल: कक्षा 06 से 12 तक का संचालन करेगा.
- ब्रांच स्कूल: बाल वाटिका से कक्षा 05 तक के लिए होगा.
- स्कूल का नाम और प्रबंधन एक ही रहेगा.
- ब्रांच स्कूल की स्थापना और मान्यता प्राप्त करने के लिए सारस पोर्टल के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा.
ब्रांच स्कूल खोलने के लिए क्या शर्तें होंगी?
सीबीएसई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में ब्रांच स्कूल के संचालन के लिए विशेष शर्तें तय की गई हैं. ये शर्तें निम्नलिखित हैं:
- भौतिक और शैक्षिक मानकों का पालन जरूरी होगा.
- ब्रांच स्कूल के संसाधन मेन स्कूल से अलग होंगे.
- टीचिंग व सपोर्टिंग स्टाफ भी अलग नियुक्त किया जाएगा.
- मेन और ब्रांच स्कूल का प्रबंधन, मालिक और संचालन संस्था समान होना चाहिए.
- संबद्धता की अलग-अलग प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी.
कौन-कौन से प्रमाणपत्र होंगे जरूरी?
सीबीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि मेन और ब्रांच स्कूल को अलग-अलग प्रमाणपत्र प्राप्त करने होंगे. इनमें निम्नलिखित प्रमाणपत्र अनिवार्य होंगे:
- यू डायस नंबर (UDISE Number)
- लैंड सर्टिफिकेट (Land Certificate)
- फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (Fire Safety Certificate)
- बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट (Building Safety Certificate)
- वॉटर एंड सैनिटेशन सर्टिफिकेट (Water and Sanitation Certificate)
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)
दोनों स्कूलों की एक ही वेबसाइट होगी
हालांकि दोनों स्कूलों के लिए एक ही वेबसाइट होगी. लेकिन ब्रांच स्कूल का एक अलग सेक्शन होगा. इससे छात्रों और अभिभावकों को जानकारी प्राप्त करने में आसानी होगी.
आर्थिक और प्रशासनिक संचालन के नियम
सीबीएसई ने आर्थिक और प्रशासनिक संचालन के लिए भी कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं.
- मेन और ब्रांच स्कूल के खातों का संचालन एक ही वित्तीय प्रणाली के तहत किया जाएगा.
- ब्रांच स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का प्रवेश मेन स्कूल में होगा और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा.
- स्कूल के प्रिंसिपल या हेड अलग-अलग होंगे.
- हर तरह के स्टाफ की सैलरी मेन स्कूल के माध्यम से दी जाएगी.
- दोनों स्कूलों के स्पेशल एजुकेटर भी अलग-अलग होंगे.
शिक्षा नीति के तहत लिया गया अहम निर्णय
नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत यह बदलाव किया गया है. इसका उद्देश्य छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना और स्कूल प्रबंधन को बेहतर बनाना है.
इससे स्कूलों और छात्रों को क्या लाभ होगा?
- स्कूलों के प्रशासनिक खर्चों में कटौती होगी. जिससे अधिक संसाधन छात्रों के विकास पर खर्च किए जा सकेंगे.
- छोटे बच्चों को उनकी प्रारंभिक शिक्षा पास के ब्रांच स्कूल में मिलने से सहूलियत होगी.
- प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा.
- बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए मेन स्कूल में आसानी से प्रवेश मिलेगा.
- शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को अधिक संगठित और सुचारु संचालन का अवसर मिलेगा.