UP Electric Bus: उत्तर प्रदेश के गांवों के विकास की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब राज्य के गांवों को भी महानगरों जैसी सुविधाएं मिलने वाली हैं। खासतौर से परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि जल्द ही यूपी के गांवों में भी इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी।
प्रदेश सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए परिवहन विभाग को 1406.71 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस बजट से नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने से लेकर चार्जिंग स्टेशन और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार किए जाएंगे।
गांवों को मिलेगा महानगरों जैसा ट्रांसपोर्ट नेटवर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश के गांव अब शहरों से किसी भी मामले में पीछे नहीं रहेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि गांवों में भी ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जाए, जो महानगरों जैसा हो।
इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इससे गांवों के लोगों को अपने ही क्षेत्र में बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी और उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद
सरकार द्वारा घोषित योजना में 400 करोड़ रुपये सिर्फ नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए खर्च किए जाएंगे। वहीं 50 करोड़ रुपये की राशि से इन बसों के रखरखाव और चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे।
यह पहल न केवल गांवों में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन साधन उपलब्ध कराएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी। चार्जिंग स्टेशन और बस डिपो बनने से लोकल लेवल पर भी विकास होगा।
शहरी इलाकों से ग्रामीण क्षेत्रों का सीधा कनेक्शन
इस योजना के तहत 100 करोड़ रुपये स्पेसली ग्रामीण और शहरी इलाकों को जोड़ने के लिए खर्च किए जाएंगे। यानी अब गांवों से सीधे शहरों तक बसों का संचालन होगा।
इससे गांव के लोग बिना किसी रुकावट के सीधे शहर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। खासकर कामकाजी लोगों, छात्रों और किसानों को इससे काफी राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें स्थानीय या निजी वाहनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
स्मार्ट ट्रांसपोर्ट के लिए तैयार हो रहा डिजिटल सिस्टम
परिवहन विभाग को बजट में 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान भी दिया गया है। इस राशि से विभाग ‘सारथी’ और ‘वाहन’ पोर्टल को और अधिक असरदार बनाएगा। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा और यात्री सुविधाओं के लिए एआई आधारित रियल टाइम डैशबोर्ड भी तैयार किया जाएगा।
यह डैशबोर्ड यात्रियों को रूट, बसों की स्थिति और किसी भी आपात स्थिति में सहायता प्रदान करने में मदद करेगा। इससे ट्रांसपोर्ट सिस्टम और भी अधिक पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनेगा।
सीएम योगी का बड़ा दावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आने वाले समय में प्रदेश का हर गांव विकास के हर पैमाने पर शहरों जैसा नजर आएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन, बिजली और इंटरनेट जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। योगी सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा सहारा
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी सीधा फायदा होगा। मेट्रो सिटी या शहरों से गांवों का सीधा कनेक्शन होने से गांवों में छोटे व्यवसाय, बाजार और अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, गांव के किसानों को भी अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
हरित परिवहन से प्रदूषण में कमी
इलेक्ट्रिक बसें पारंपरिक डीजल और पेट्रोल से चलने वाली बसों की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल होती हैं। इन बसों के संचालन से ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी।
साथ ही, सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा ‘ग्रीन ट्रांसपोर्ट नेटवर्क’ वाला राज्य बनाया जाए।
रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे
बस संचालन, मेंटेनेंस और चार्जिंग स्टेशन के संचालन में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही ड्राइवर, कंडक्टर, तकनीकी स्टाफ और प्रशासनिक कार्यों में भी युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
ग्रामीण इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने से छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा।
योजना से गांवों में होगा व्यापक विकास
सरकार का मानना है कि गांवों में ट्रांसपोर्ट नेटवर्क मजबूत होने से अन्य विकास योजनाओं को भी गति मिलेगी। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, व्यापार, और रोजगार के क्षेत्र में सुधार होगा।
गांव के युवाओं और महिलाओं को भी बेहतर परिवहन सुविधा मिलने से वे शहरों में आसानी से नौकरी या शिक्षा के लिए आ-जा सकेंगे।