UP Metro: लाइट मेट्रो एक आधुनिक और हल्की रेल परिवहन प्रणाली है, जिसे शहरों में बढ़ती यातायात समस्याओं को हल करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पारंपरिक मेट्रो की तुलना में कम लागत और कम जटिलता के साथ बनाई जाती है, जिससे छोटे और मध्यम आकार के शहरों में इसे लागू करना आसान होता है।
लाइट मेट्रो की खासियत
- हल्की और कम लागत वाली प्रणाली: लाइट मेट्रो का ढांचा हल्का होता है, जिससे निर्माण लागत कम आती है।
- कम यातायात क्षमता वाले मार्गों पर सही: यह उन मार्गों के लिए सही है जहां यात्री संख्या मध्यम होती है।
- कम ऊंचाई वाले प्लेटफ़ॉर्म और स्टेशन: इसके स्टेशन और प्लेटफ़ॉर्म पारंपरिक मेट्रो की तुलना में कम ऊंचाई पर होते हैं, जिससे निर्माण में आसानी होती है।
- इलेक्ट्रिक या डीजल-इलेक्ट्रिक ट्रेनें: लाइट मेट्रो में इलेक्ट्रिक या डीजल-इलेक्ट्रिक ट्रेनें उपयोग की जाती हैं।
- ऑटोमैटिक या मैनुअल संचालन: इसे औटोमेटिकली या मैनुअल दोनों तरीकों से संचालित किया जा सकता है।
केंद्रीय बजट 2025 में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान
केंद्रीय बजट 2025 में उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों जैसे गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, मेरठ और वाराणसी में लाइट मेट्रो रेल चलाने की योजना को बल मिला है। केंद्र सरकार द्वारा मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में उत्तर प्रदेश के हिस्से में 1.73 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
कानपुर और आगरा को प्राथमिकता
इस बजट का बड़ा हिस्सा कानपुर और आगरा मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए निर्धारित किया गया है, जहां मेट्रो रेल पहले से ही संचालित हो रही है।
वाराणसी में रोप-वे की तैयारी
वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप-वे चलाने की तैयारी चल रही है, जिससे शहर में यातायात का दबाव कम होगा।
धार्मिक नगरियों में लाइट मेट्रो की योजना
राज्य सरकार वाराणसी और प्रयागराज जैसे धार्मिक शहरों में लाइट मेट्रो रेल चलाने की योजना बना रही है, जिससे पर्यटकों को बेहतर शहरी यातायात सुविधाएं मिल सकेंगी।
गोरखपुर, झांसी और मेरठ में लाइट मेट्रो की दिशा में कदम
गोरखपुर में लाइट मेट्रो रेल के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी देकर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। इसके साथ ही झांसी और मेरठ में भी भविष्य में लाइट मेट्रो रेल चलाने की तैयारी की जा रही है।
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा का विस्तार
केंद्र सरकार ने शहरी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश के 15 शहरों, जैसे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, मेरठ, आगरा, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, झांसी, गोरखपुर, अयोध्या और मुरादाबाद में ई-बसें चलाई जा रही हैं।
ई-बस सेवा के लिए बजट आवंटन
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के लिए उत्तर प्रदेश को 7,277 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है, जिससे इन शहरों में ई-बसों की संख्या बढ़ेगी और अन्य शहरों में भी बसों को चलाने पर विचार किया जा सकता है।
लाइट मेट्रो से होने वाले फायदा
लाइट मेट्रो के संचालन से छोटे शहरों में यातायात की समस्या कम होगी, प्रदूषण में कमी आएगी, और लोगों को सस्ती और सुगम यातायात सुविधा मिलेगी। विशेष रूप से धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर आने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ी सुविधा होगी।