UP Railway Line: रेलवे बोर्ड ने बहराइच-उतरौला-खलीलाबाद रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना के तहत 240 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी। रेलवे ने बहराइच जिले में भूमि अधिग्रहण को लेकर राजपत्र जारी कर दिया है, जबकि बलरामपुर जिले में भूमि अधिग्रहण को लेकर अब तक कोई ऑफिसियल निर्देश नहीं मिले हैं।
2014 में मिली थी परियोजना को मंजूरी
यह रेल परियोजना 2014 में सर्वे के लिए मंजूरी प्राप्त कर चुकी थी। इस वर्ष बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर रेल मार्ग के 80 किलोमीटर हिस्से के लिए 620 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस फंडिंग से भूमि अधिग्रहण और प्राथमिक निर्माण कार्यों को पूरा करने की योजना बनाई गई है।
किसानों की समस्याएं
रेलवे लाइन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया से किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। किसानों को डर है कि यदि अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू होती है तो उनकी फसल कटाई से पहले ही जमीन ले ली जाएगी, जिससे उन्हें बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। इस मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने राज्य प्रशासन और रेलवे अधिकारियों से उचित मुआवजा और समय पर अधिग्रहण की मांग की है।
रेलवे परियोजना में 32 नए स्टेशन होंगे शामिल
परियोजना के तहत 32 नए रेलवे स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से छह पूरी तरह से नए स्टेशन बनाए जाएंगे। इन स्टेशनों से क्षेत्र में आवागमन को सुगम बनाया जाएगा और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
बलरामपुर को मिलेगा नया जंक्शन
बलरामपुर जिले के हंसुवाडोल गांव में पहला हाल्ट स्टेशन प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा, बहराइच और श्रावस्ती के बीच 10 नए स्टेशन बनाए जाने की योजना है। इस परियोजना के तहत बलरामपुर रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा दिया जाएगा, जिससे यहां से अधिक रेल सेवाओं का संचालन संभव होगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
रेलवे लाइन बिछाने के लिए 40 फीट चौड़ी ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि स्टेशनों के निर्माण के लिए 100 मीटर चौड़ी ज़मीन की आवश्यकता होगी। इस भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय प्रशासन और किसानों के बीच चर्चा चल रही है ताकि उचित मुआवजा और पुनर्वास की योजनाओं को अंतिम रूप दिया जा सके।
परियोजना से होने वाले फायदे
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार – नई रेलवे लाइन उत्तर प्रदेश के कई जिलों को आपस में जोड़ेगी।
- यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी – नए स्टेशनों और जंक्शनों से यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।
- आर्थिक विकास को बढ़ावा – रेलवे संपर्क बढ़ने से व्यापार और पर्यटन को भी फायदा मिलेगा।
- लोकल रोजगार सृजन – रेलवे परियोजना में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।