Electricity Theft: हरियाणा में बिजली चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। बिजली चोरी न केवल सरकार के लिए राजस्व की हानि का कारण बनती है, बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी बिजली कटौती की समस्या झेलनी पड़ती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी का अनुपात ज्यादा है। सरकार इस समस्या से निपटने के लिए स्मार्ट मीटर और अन्य तकनीकों का उपयोग कर रही है। आइए इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
बिजली चोरी की स्थिति और प्रमुख आंकड़े
हरियाणा में बिजली चोरी की समस्या गंभीर बनी हुई है। उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) द्वारा जारी रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य में लाखों की संख्या में बिजली उपभोक्ता हैं, लेकिन उनमें से कई अवैध रूप से बिजली का उपयोग कर रहे हैं।
- उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के तहत 37.64 लाख उपभोक्ता रेजिस्टर्ड हैं, और इनकी बिजली आपूर्ति के लिए 6778 फीडर और 3.49 लाख डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर काम कर रहे हैं।
- दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) में 42.58 लाख उपभोक्ता हैं, जिनके लिए 6664 फीडर और 3.32 लाख डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर लगाए गए हैं।
इन आंकड़ों से साफ है कि हरियाणा में बिजली वितरण की व्यवस्था काफी बड़ी है, लेकिन इसी के साथ बिजली चोरी का अनुपात भी बढ़ता जा रहा है।
गांवों में ज्यादा हो रही बिजली चोरी
शहरी क्षेत्रों में बिजली चोरी के मामले कम हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में स्थिति चिंताजनक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक:
- शहरी क्षेत्रों में 942 फीडरों में से 25% से अधिक बिजली चोरी दर्ज की गई है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 1078 फीडरों में से 50% से अधिक बिजली चोरी की जा रही है।
इससे स्पष्ट होता है कि गांवों में बिजली चोरी की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। इसकी मुख्य वजहें ये हैं:
- कानूनी सख्ती की कमी: ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती।
- स्ट्रक्चर मे कमी: कई गांवों में पुराने ट्रांसफार्मर और खराब बिजली लाइनें हैं, जिससे लोग अवैध रूप से बिजली जोड़ने के लिए मजबूर होते हैं।
- लोगों में जागरूकता की कमी: कई ग्रामीण इलाकों में लोग यह नहीं समझते कि बिजली चोरी करने से पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है।
बिजली चोरी के कारण ट्रांसफार्मर खराब होने की समस्या
बिजली चोरी का सीधा असर ट्रांसफार्मरों पर पड़ता है। जब जरूरत से ज्यादा लोड डाला जाता है, तो ट्रांसफार्मर जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे लोकल लोगों को बिजली कटौती की समस्या झेलनी पड़ती है।
- हरियाणा के कई गांवों में ट्रांसफार्मर बार-बार खराब होने की समस्या सामने आ रही है।
- कई जगहों पर ट्रांसफार्मर बदलने में देरी के कारण लोगों को घंटों और कई बार दिनों तक बिजली नहीं मिलती।
इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसके तहत गांवों में ज्यादा कपैसिटी वाले ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं।
बिजली चोरी से सरकार को होने वाला नुकसान
बिजली चोरी से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। एग्रीगेट टेक्निकल ऐंड कमर्शियल लॉस (AT&C Loss) 12.37 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
- DHBVN के ग्रामीण क्षेत्रों में 1231 घरेलू आपूर्ति फीडर हैं, जिनमें से 230 फीडर पर 50% से ज्यादा बिजली चोरी दर्ज की गई है।
- शहरी क्षेत्रों में 1095 अर्बन फीडर हैं, जिनमें से 27 फीडर पर 25% से ज्यादा की बिजली चोरी हो रही है।
सरकार इस नुकसान को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है, जिनमें स्मार्ट मीटरिंग और बिजली चोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल है।
स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी रोकने की पहल
हरियाणा सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना शुरू की है। स्मार्ट मीटर से न केवल बिजली खपत का सही आंकलन होता है, बल्कि चोरी करने वालों पर भी नजर रखी जा सकती है।
- उत्तर हरियाणा में 5 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए गए हैं।
- पंचकूला, करनाल और पानीपत में ये मीटर लगाए गए हैं।
- दक्षिण हरियाणा में अब तक 3,72,887 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए गए हैं।
- गुरुग्राम में 3,02,555 और फरीदाबाद में 70,294 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं।
सरकार की योजना है कि अगले कुछ सालों में सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ दिया जाए ताकि बिजली चोरी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
24 घंटे बिजली आपूर्ति की योजना
बिजली चोरी के बावजूद सरकार प्रदेश के सभी गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने के लिए प्रयासरत है। UHBVN के 3355 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसी तरह, DHBVN के क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति को बेहतर किया जा रहा है।
सरकार का दावा है कि आने वाले समय में हरियाणा को बिजली चोरी से मुक्त करने और बिजली आपूर्ति को स्थायी रूप से मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।