Highway And Expressway: भारत में सड़क परिवहन को बेहतर और तेज बनाने के लिए तेजी से एक्सप्रेस वे (Expressway) बनाए जा रहे हैं। हर साल नए एक्सप्रेस वे और हाईवे का उद्घाटन किया जा रहा है, जो छोटे-बड़े शहरों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। इन एक्सप्रेस वे के जरिए यात्रा करना आसान और सुगम हो गया है। आधुनिक डिज़ाइन और मजबूती के साथ बनाए गए ये एक्सप्रेस वे यातायात की रफ्तार को तेज करने के साथ ही लोगों को आरामदायक सफर का अनुभव भी कराते हैं।
एक्सप्रेस वे की खासियत
एक्सप्रेस वे को हमेशा खास डिज़ाइन और मजबूत निर्माण के साथ तैयार किया जाता है। यह आमतौर पर 6 लेन से लेकर 8 लेन तक बनाए जाते हैं, जिससे अधिकतम वाहन बिना किसी परेशानी के तेजी से चल सकें। इसके अलावा, एक्सप्रेस वे पर वाहनों की रफ्तार हाईवे की तुलना में ज्यादा होती है, जिससे सफर का समय काफी कम हो जाता है।
एक्सप्रेस वे पर यातायात नियम और रीस्ट्रिक्शन
एक्सप्रेस वे को हाई स्पीड ट्रैफिक के लिए तैयार किया जाता है, इसलिए यहां कुछ खास रुल लागू होते हैं। जैसे कि:
- टू व्हीलर (Two-Wheeler) और थ्री व्हीलर (Three-Wheeler) को एक्सप्रेस वे पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती।
- एक्सप्रेस वे पर केवल तेज गति से चलने वाले चार पहिया और भारी वाहन ही चल सकते हैं।
- निर्धारित एंट्री और एग्जिट पॉइंट (Entry & Exit Points) से ही अंदर-बाहर जाने की अनुमति होती है।
- वाहनों की अधिकतम गति सीमा आमतौर पर 120 किमी प्रति घंटा होती है।
Highway And Expressway मे अंतर
1. स्पीड और यात्रा
एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां हाईवे की तुलना में अधिक स्पीड में चलती हैं। आमतौर पर एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट 120 किमी प्रति घंटे होती है, जबकि हाईवे पर यह सीमा 80-100 किमी प्रति घंटे होती है। एक्सप्रेस वे पर ट्रैफिक का दबाव कम होता है और वाहन बिना रुकावट के चलते हैं।
2. संरचना और डिजाइन
एक्सप्रेस वे अधिक चौड़े और मजबूत होते हैं, जिनमें मल्टी लेन (6 से 8 लेन) होती हैं। हाईवे आमतौर पर 2 या 4 लेन के होते हैं, जो छोटे शहरों और गांवों को जोड़ने के लिए बनाए जाते हैं।
3. सुरक्षा मानक
एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के लिए ज्यादा ध्यान दिया जाता है। अलग-अलग लेन, उचित साइनबोर्ड, टोल प्लाजा, CCTV निगरानी जैसी सुविधाएं होती हैं, जबकि हाईवे पर यह सुरक्षा उपाय सीमित होते हैं।
देश के प्रमुख एक्सप्रेस वे
1. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे
देश में सबसे लंबा ऑपरेशनल एक्सप्रेस वे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Expressway) है। यह उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों को जोड़ता है और इसका उद्देश्य राज्य में परिवहन सुविधाओं को बेहतर बनाना है।
2. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे
यह उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेस वे है, जिसकी कुल लंबाई 302 किमी है। यह हाई स्पीड ट्रैफिक के लिए तैयार किया गया है और लोगों को तेज यात्रा का अनुभव कराता है।
3. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे
दिल्ली से मेरठ तक की दूरी को मात्र 45 मिनट में पूरा करने वाला यह एक्सप्रेस वे एक बड़ी उपलब्धि है। यहां टू व्हीलर की एंट्री पूरी तरह बैन है, और अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे 10,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।