CIBIL Score: आज के समय में वित्तीय स्थिरता हर किसी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। जब भी हम किसी बैंक से लोन लेने की सोचते हैं या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, तो सबसे पहले बैंक हमारे सिबिल स्कोर (CIBIL Score) को जांचता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और पेमेंट व्यवहार को दर्शाता है। यदि आपका स्कोर अच्छा है, तो आपको आसानी से लोन मिल सकता है, लेकिन अगर स्कोर कम है, तो लोन लेने में कठिनाई हो सकती है।
क्रेडिट स्कोर को समझना क्यों जरूरी है?
क्रेडिट स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है, जो आपकी लोन चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है। उच्च स्कोर का मतलब है कि आपने अपनी क्रेडिट लाइफ अच्छी तरह से मैनेज की है। आमतौर पर, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान 700 या उससे अधिक क्रेडिट स्कोर को सुरक्षित मानते हैं। यह स्कोर जितना अधिक होगा, आपके लिए उतने ही बेहतर वित्तीय अवसर उपलब्ध होंगे।
क्रेडिट स्कोर की कैटेगरी क्या हैं?
क्रेडिट स्कोर को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है:
- खराब स्कोर (300-579) – इस श्रेणी में आने वाले लोगों को लोन मिलने की संभावना बहुत कम होती है।
- उचित स्कोर (580-669) – यह स्कोर औसत माना जाता है, लेकिन लोन पर ऊंची ब्याज दर लग सकती है।
- अच्छा स्कोर (670-739) – इस रेंज में आने वाले लोगों को बेहतर क्रेडिट सुविधा मिलती है।
- बहुत अच्छा स्कोर (740-799) – इस श्रेणी में आने वाले लोगों को लोन और क्रेडिट कार्ड की आसान मंजूरी मिलती है।
- बेहतरीन स्कोर (800-900) – यह सबसे अच्छा स्कोर होता है, और ऐसे लोगों को बेहतरीन ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध होता है।
क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण
आपका क्रेडिट स्कोर कई कारणों से प्रभावित हो सकता है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- टाइम पर पेमेंट – अगर आप अपने लोन या क्रेडिट कार्ड की ईएमआई (EMI) समय पर चुकाते हैं, तो यह आपके स्कोर को सुधार सकता है।
- क्रेडिट यूज रेट – यदि आप अपनी कुल क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह स्कोर को नेगेटिव रूप से प्रभावित कर सकता है।
- क्रेडिट हिस्ट्री की लंबाई – जितनी लंबी क्रेडिट हिस्ट्री होगी, उतना ही अच्छा स्कोर बनने की संभावना होगी।
- अलग-अलग प्रकार के क्रेडिट अकाउंट – यदि आपके पास विभिन्न प्रकार के क्रेडिट उत्पाद हैं, जैसे कि होम लोन, कार लोन, और क्रेडिट कार्ड, तो यह आपके स्कोर को पॉजिटिव रूप से प्रभावित कर सकता है।
- बार-बार लोन अप्लाई करना – बार-बार लोन के लिए अप्लाइ करने से आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
पर्सनल लोन पर क्रेडिट स्कोर का असर
पर्सनल लोन (Personal Loan) के लिए अप्लाई करने से पहले आपको अपने क्रेडिट स्कोर की कन्डिशन की जांच करनी चाहिए। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए लोन की मंजूरी देते हैं। यदि आपका स्कोर 700 से ऊपर है, तो आपको पर्सनल लोन कम ब्याज दर पर मिल सकता है। लेकिन यदि स्कोर कम है, तो बैंक या तो लोन देने से मना कर सकता है या फिर ज्यादा ब्याज दर पर लोन देगा।
क्रेडिट स्कोर कैसे सुधारें?
यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप कुछ आसान तरीकों से इसे सुधार सकते हैं:
- समय पर भुगतान करें – किसी भी प्रकार के लोन या क्रेडिट कार्ड की ईएमआई समय पर चुकाना सबसे जरूरी है।
- क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें – जरूरत से ज्यादा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें और केवल आवश्यकतानुसार खर्च करें।
- पुराने अकाउंट को खुला रखें – अगर आपके पुराने बैंक अकाउंट अच्छे रिकॉर्ड के साथ सक्रिय हैं, तो उन्हें बंद न करें।
- फालतू कर्ज से बचें – सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही लोन लें और अपनी चुकाने की क्षमता का ध्यान रखें।
- अपना क्रेडिट स्कोर नियमित रूप से जांचें – किसी भी गलती को सुधारने के लिए अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी करना जरूरी है।