Shubh Muhurat 2025: हिंदू धर्म में हर शुभ कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त निकालने की परंपरा है. यह परंपरा ग्रहों, नक्षत्रों और पंचांग में दिशा और दशा की गणना पर आधारित होती है. विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ और अन्य मांगलिक कार्यों को शुभ मुहूर्त में करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और कार्य सफलता पूर्वक संपन्न होते हैं.
खरमास के बाद मांगलिक कार्यों की शुरुआत
खरमास के दौरान, जो सूर्य के धनु और मीन राशि में रहने का समय होता है, शुभ कार्यों पर रोक लगा दी जाती है. मकर संक्रांति के बाद जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है. वर्ष 2025 में मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी से शुभ कार्यों का आरंभ हो रहा है.
विवाह का महत्व और शुभ मुहूर्त
विवाह हिंदू धर्म में एक पवित्र संस्कार माना जाता है. इसे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और शुभ कार्यों में से एक माना गया है. इसलिए विवाह के लिए सही मुहूर्त का चयन बेहद जरूरी है. इस वर्ष 2025 में कुल 76 शुभ मुहूर्त हैं. जब विवाह जैसे पवित्र कार्य किए जा सकते हैं.
विवाह मुहूर्त 2025
इस साल विवाह के लिए निम्नलिखित शुभ तिथियां निर्धारित की गई हैं:
जनवरी 2025
16, 17, 18, 19, 20, 21, 23, 24, 26, 27
फरवरी 2025
2, 3, 6, 7, 12, 13, 14, 15, 16, 18, 19, 21, 23, 25
मार्च 2025
1, 2, 6, 7, 12
अप्रैल 2025
14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई 2025
1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून 2025
2, 4, 5, 7, 8
नवंबर 2025
2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30
दिसंबर 2025
4, 5, 6
शुभ मुहूर्त क्यों होते हैं खास?
पंचांग के अनुसार, शुभ कार्य करने के लिए सूर्य और गुरु का शुभ स्थिति में होना अनिवार्य होता है. जब सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि (धनु और मीन) में होता है, तो वह गुरु की सेवा में रहता है, और इसका प्रभाव कम हो जाता है. इस समय शुभ कार्य नहीं किए जाते. विवाह के लिए शुभ मुहूर्त में ग्रहों की सकारात्मक स्थिति और नक्षत्रों का संतुलन बेहद महत्वपूर्ण होता है.
सहालग में सुनाई देगी शहनाई की गूंज
साल 2025 में जनवरी से जून तक विवाह के कई मुहूर्त हैं. इसके बाद जुलाई से अक्टूबर तक शुभ मुहूर्त नहीं होंगे. नवंबर और दिसंबर में पुनः विवाह के शुभ दिन आएंगे. इस दौरान पूरे देश में शादियों का उल्लास दिखाई देगा और शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी.
शादी के लिए शुभ मुहूर्त का चयन कैसे करें?
शुभ मुहूर्त का चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पंचांग की सलाह: किसी भी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें.
- जन्म कुंडली का मिलान: दूल्हा और दुल्हन की कुंडली का मिलान करके दिन तय करें.
- परिवार की सहमति: मुहूर्त के चयन में परिवार की सुविधा और अन्य रस्मों का ध्यान रखें.
विवाह के साथ अन्य मांगलिक कार्यों का समय
मकर संक्रांति के बाद न केवल विवाह, बल्कि गृह प्रवेश, मुंडन, और जनेऊ जैसे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं. यह समय हिंदू पंचांग के अनुसार अत्यधिक शुभ माना जाता है.
जुलाई से अक्टूबर तक नहीं होंगे शुभ मुहूर्त
साल 2025 में जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर के महीनों में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होगा. इस दौरान पंचांग और ग्रहों की स्थिति शुभ कार्यों के अनुकूल नहीं होती.