फ्लैट में कौनसी मंजिल पर रहना है सही, घर ले रहे है तो जरूर जान लेना Flat Floor to Live

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Flat Floor to Live:फ्लैट खरीदना किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बड़ा फैसला होता है, जिसमें कई चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है। इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह होता है कि किस मंजिल पर घर लिया जाए। ऊपरी मंजिलें आमतौर पर शांत और हवादार होती हैं, जबकि नीचे की मंजिलें अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक मानी जाती हैं। हर मंजिल के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, जो आपकी जीवनशैली और जरूरतों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, सही मंजिल का चयन सोच-समझकर करना जरूरी होता है।

फ्लैट खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?

जब आप किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने जाते हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि इमारत की ऊपरी मंजिलें पहले बेची जाती हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि नीचे की मंजिलें अधिक मांग में रहती हैं और आसानी से बिक जाती हैं। हालांकि, सही मंजिल चुनना आसान नहीं होता। इसके लिए कुछ जरूरी फैक्टरों को ध्यान में रखना जरूरी है ताकि आप अपने लिए सबसे उपयुक्त फ्लैट का चुनाव कर सकें।

1. ऊपरी मंजिलें

अगर आप ऊपरी मंजिल पर फ्लैट खरीदते हैं, तो आपको शहर का शानदार नजारा मिल सकता है। ऊपरी मंजिलें आमतौर पर शांत होती हैं और यहां बाहरी आवाजों का असर कम पड़ता है। इसके अलावा, ऊपरी मंजिलों पर हवा का प्रवाह बेहतर रहता है, जिससे घर हवादार और ठंडा बना रहता है। हालांकि, ऊपरी मंजिलों पर रहने से कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि लिफ्ट पर अधिक निर्भरता और गर्मी के मौसम में फ्लैट का अधिक गर्म होना।

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2. निचली मंजिलें

जो लोग परिवार के साथ रहते हैं, उनके लिए निचली मंजिलों पर रहना अधिक सुविधाजनक हो सकता है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन है, क्योंकि उन्हें बार-बार लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। इसके अलावा, निचली मंजिलों पर फ्लैट की कीमत आमतौर पर कम होती है, जिससे यह बजट के अनुकूल भी होता है। हालांकि, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में निचली मंजिलों पर रहने से प्राइवेसी की समस्या हो सकती है।

3. किराए और दोबारा बेचने पर असर

अगर आप फ्लैट को निवेश के रूप में देख रहे हैं, तो निचली मंजिलों के फ्लैट्स की मांग अधिक होती है। आमतौर पर लोग निचली मंजिलों को पसंद करते हैं, जिससे इनकी कीमत भी बढ़ती रहती है। अगर आप अपना फ्लैट किराए पर देना चाहते हैं, तो निचली मंजिलों पर अधिक मांग देखी जाती है, जिससे आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

4. शहर और जलवायु के अनुसार सही चुनाव

अगर आप ऐसे शहर में रहते हैं जहां एयर कवालिटी खराब है, तो निचली मंजिलों पर रहना अधिक फायदेमंद हो सकता है। मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में लोग ऊपरी मंजिलों को पसंद करते हैं, जबकि दिल्ली, एनसीआर और चेन्नई में निचली मंजिलों को प्राथमिकता दी जाती है। यह चुनाव शहर की जलवायु और प्रदूषण के लेवल पर निर्भर करता है। गर्म इलाकों में ऊपरी मंजिलें गर्म हो सकती हैं, जबकि नमी वाले क्षेत्रों में निचली मंजिलें अधिक उपयुक्त होती हैं।

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5. प्राइवेसी और शांति का महत्व

अगर आप भीड़भाड़ वाले इलाके में रहते हैं और अधिक शांति चाहते हैं, तो ऊपरी मंजिल पर रहना बेहतर रहेगा। ऊपरी मंजिलों पर बाहरी आवाजें कम सुनाई देती हैं और आपके पास अधिक प्राइवेसी होती है। हालांकि, निचली मंजिलों पर रहने का भी अपना फायदा है, खासकर अगर आपको जल्दी से घर से बाहर निकलना हो।

6. ऊर्जा खपत और एक्स्ट्रा खर्च

ऊपरी मंजिलों पर रहने से बिजली की खपत अधिक हो सकती है। गर्मियों में घर को ठंडा रखने के लिए एसी का अधिक इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे बिजली का बिल बढ़ जाता है। इसके अलावा, ऊपरी मंजिलों पर पानी की आपूर्ति के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि पानी को ऊपर तक पहुंचाने के लिए मोटर पंप का अधिक उपयोग किया जाता है।

7. परिवार के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन

अगर आपके परिवार में छोटे बच्चे, बुजुर्ग या दिव्यांग सदस्य हैं, तो निचली मंजिल पर रहना ज्यादा सुविधाजनक हो सकता है। इससे घर में आने-जाने में आसानी होती है और किसी भी आपात स्थिति में बाहर निकलना भी आसान रहता है। ऊपरी मंजिलों पर रहने से लिफ्ट पर अधिक निर्भरता बढ़ जाती है, जो कभी-कभी असुविधाजनक हो सकता है।

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