Roadside Trees: हम अक्सर सड़क किनारे लगे पेड़ों के तनों को सफेद रंग में रंगा हुआ देखते हैं। यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई अन्य देशों में भी प्रचलित है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? इसके पीछे वैज्ञानिक और व्यावहारिक कारण छिपे हुए हैं, जिनकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए।
कीटों और बीमारियों से सुरक्षा
पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगने का सबसे बड़ा कारण उन्हें कीटों और बीमारियों से बचाना है। सफेद रंग के लिए चूना (लाइम) और पानी का मिश्रण इस्तेमाल किया जाता है, जो प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करता है। यह मिश्रण पेड़ों के तनों पर चढ़ने वाले हानिकारक कीटों को दूर रखता है और बीमारियों से बचाव करता है। पेड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
तापमान नियंत्रण में मददगार
गर्मियों में जब सूरज की किरणें सीधे पेड़ों के तनों पर पड़ती हैं, तो उनका तापमान बढ़ जाता है। इससे पेड़ों को नुकसान हो सकता है, खासकर नई टहनियों और छाल को। सफेद रंग सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करता है, जिससे तनों का तापमान कंट्रोल रहता है। यह पेड़ों को गर्मी से बचाने और उन्हें लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
रात में विजिबिलिटी बढ़ाने में सहायक
सड़क किनारे पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगने का एक और महत्वपूर्ण कारण उनकी विजिबिलिटी बढ़ाना है। खासकर रात के समय सफेद रंग दूर से भी दिखाई देता है, जिससे वाहन चालकों को सड़क किनारे लगे पेड़ों का पता चलता है। इससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ती है।
सड़क किनारे की सुंदरता बढ़ाने में मददगार
सफेद रंग स्वच्छता और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। जब सड़क किनारे लगे पेड़ों के तने सफेद रंग में रंगे होते हैं, तो वह न केवल साफ दिखते हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुंदरता भी बढ़ाते हैं। यह प्रक्रिया गांवों और शहरों की सड़कों को सजाने का एक असरदार तरीका है।
पेड़ों की उम्र बढ़ाने में सहायक
सफेद रंग से पेड़ों के तनों को रंगने से उनकी उम्र भी बढ़ती है। यह पेड़ों को बाहरी पर्यावरणीय कारकों जैसे तेज धूप, ठंड और कीटों से बचाता है। इससे पेड़ों की ग्रोथ अच्छी होती है और वे लंबे समय तक हरे-भरे बने रहते हैं।
चूने के अन्य फायदे
पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगने के लिए मुख्य रूप से चूने का उपयोग किया जाता है। चूना न केवल कीटों से बचाता है, बल्कि यह मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को भी पेड़ की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक पदार्थ है, जो किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता।
ठंड के मौसम में पेड़ों को बचाने का तरीका
सर्दियों में कई बार तापमान बहुत ज्यादा गिर जाता है, जिससे पेड़ों के तने पर दरारें आ सकती हैं। जब पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगा जाता है, तो यह प्रक्रिया उन्हें ठंड से बचाने में मदद करती है। यह तनों की बाहरी परत को मजबूत बनाता है, जिससे सर्दी के नुकसान से बचाव होता है।
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक
पेड़ों की देखभाल करना पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सफेद रंग से पेड़ों को रंगने से न केवल वे सुरक्षित रहते हैं, बल्कि यह एक सतत विकास का हिस्सा भी बन जाता है। जब पेड़ स्वस्थ रहेंगे, तो वे अधिक ऑक्सीजन प्रदान करेंगे, जिससे पर्यावरण में संतुलन बना रहेगा।
अन्य देशों में भी होती है यह प्रक्रिया
यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में भी किया जाता है। अमेरिका, रूस, चीन, ब्राजील और यूरोप के कई देशों में भी सड़क किनारे लगे पेड़ों को सफेद रंग से रंगा जाता है। वहाँ इसे वैज्ञानिक तरीकों से अपनाया जाता है, ताकि पेड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
किसानों के लिए भी फायदेमंद तकनीक
किसान भी अपने बाग-बगीचों और खेतों में लगे पेड़ों के तनों को सफेद रंग से रंगते हैं। इससे उनके पेड़ कीटों और फफूंद से सुरक्षित रहते हैं और उत्पादन भी बेहतर होता है। इससे कृषि क्षेत्र में भी इसका काफी उपयोग देखा जाता है।