संविदाकर्मियों के लिए योगी सरकार का बड़ा ऐलान, न्यूनतम मानदेय और फ्री इलाज को लेकर किया ऐलान Contract Workers

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Contract Workers: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविदाकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 16,000 से 20,000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। इससे प्रदेश के हजारों संविदाकर्मियों को आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा और उनकी लाइफस्टाइल में सुधार आएगा।

आउटसोर्सिंग भर्ती के लिए नया निगम बनाएगी सरकार

संविदाकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अब इनकी नियुक्ति एजेंसियों के माध्यम से नहीं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा बनाए जा रहे नए आउटसोर्सिंग भर्ती निगम के जरिए की जाएगी। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने और ठेकेदारी व्यवस्था को खत्म करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

संविदाकर्मियों को मिलेगा 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज

संविदाकर्मियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि ऐसे सभी कर्मचारियों को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री जनआरोग्य आयुष्मान कार्ड बनवाया जाएगा, जिससे संविदाकर्मी और उनके परिवार को इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके।

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80 विभागों में कार्यरत 1.91 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारी

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 80 सरकारी विभागों में कुल 1,91,644 संविदा और आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार के इस फैसले से इन सभी कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी नौकरी की स्थिति अधिक सुरक्षित होगी।

राज्य सरकार का बजट ‘वंचित को वरीयता’ के विजन पर आधारित

बजट पेश होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की अवधारणा के अनुरूप गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के उत्थान को समर्पित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने के लिए इस बजट का केंद्रीय भाव ‘वंचित को वरीयता’ रखा गया है।

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का बजट राज्य की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने के लिए तैयार किया गया है। प्रदेश का राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद का केवल 2.97 प्रतिशत है, जो कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।

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नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य

नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को ‘फ्रंट रनर’ राज्य की श्रेणी में रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने खर्च की गुणवत्ता में सुधार किया है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी से होगा प्रदेश का विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 से अब तक पूंजीगत व्यय कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से बढ़कर 19.3 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह अनुपात देश के अन्य प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी मिली है।

रोजगार के अवसरों में तेजी

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले आठ सालों में सरकार ने बेरोजगारी दर को कंट्रोल करने में सफलता हासिल की है। प्रदेश में रोजगार की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सरकार के प्रयासों से अब तक लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश जमीन पर उतर चुके हैं। इससे 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।

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औद्योगिक विकास से बढ़ेगा रोजगार

प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई नीतियां लागू कर रही है। इससे न केवल उद्योगों को फायदा होगा, बल्कि युवाओं को भी नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। सरकार विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित कर रही है, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।