Driving License: अब ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए युवाओं को आरटीओ (RTO) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। केंद्र सरकार ने नए रूल लागू किए हैं, जिससे निजी ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को ड्राइविंग टेस्ट लेने और लाइसेंस जारी करने का अधिकार दिया जाएगा। यह व्यवस्था खासकर उन युवाओं के लिए फायदेमंद होगी जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लंबी प्रक्रिया और समय की परेशानी से जूझते थे।
ड्राइविंग स्कूल ही देंगे लाइसेंस
जो युवा ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से गाड़ी चलाना सीखेंगे, उन्हें वहीं पर ड्राइविंग टेस्ट देने का मौका मिलेगा। टेस्ट पास करने के बाद स्कूल ही जरूरी दस्तावेज आरटीओ को ऑनलाइन भेज देंगे, और इसके बाद परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस ऑनलाइन जारी कर दिया जाएगा। इससे लोगों को आरटीओ की लंबी कतारों और प्रक्रियाओं से बचने में मदद मिलेगी।
नए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर
केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रदेश में नए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए निजी कंपनियों से आवेदन लें। ये सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और इन्हें सरकार की मंजूरी भी प्राप्त होगी। इसके अलावा, योग्य सेंटरों को केंद्रीय मंत्रालय से अनुदान (सब्सिडी) भी मिलेगी, जिससे वे आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बेहतर ट्रेनिंग दे सकें।
ड्राइविंग स्कूलों को मिलेगी सरकार से वित्तीय सहायता
केंद्र सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए 2.5 करोड़ से 7 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है। यह सब्सिडी चार अलग-अलग श्रेणियों में बांटी जाएगी, जिसमें सबसे नीचे की श्रेणी में सामान्य ड्राइविंग स्कूल भी शामिल होंगे। इससे छोटे और मध्यम स्तर के ड्राइविंग स्कूलों को भी लाइसेंस जारी करने का अवसर मिलेगा।
ड्राइविंग टेस्ट के नियम होंगे सख्त
नए नियमों के अनुसार, ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। यदि वे चार पहिया वाहनों के लिए ट्रेनिंग देते हैं, तो उनके पास दो एकड़ जमीन होनी अनिवार्य होगी। इसके अलावा, प्रशिक्षकों को हाई स्कूल पास होने के साथ कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए। उन्हें बायोमीट्रिक सिस्टम और आईटी टेक्नोलॉजी की भी जानकारी होनी जरूरी होगी।
फ्रॉड रोकने के लिए होगी कड़ी निगरानी
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में धोखाधड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। सभी ट्रेनिंग सेंटरों को बायोमीट्रिक्स और आईटी सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे ड्राइविंग टेस्ट की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। ड्राइविंग टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य होगी, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके।
राज्य सरकार जल्द करेगी नए नियम लागू
राज्य सरकार जल्द ही इन नए नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। परिवहन विभाग ने इसके लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। नए सिस्टम के तहत हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में ड्राइविंग टेस्टिंग स्टेशन खोले जाएंगे, जिनका संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।
प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से खुलेंगे ट्रेनिंग स्कूल
निजी क्षेत्र की कंपनियों को सरकार से अनुमति लेकर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने का अवसर मिलेगा। परिवहन विभाग इस योजना का प्रचार कर रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा निजी संस्थान इस योजना का लाभ उठाकर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोल सकें। इससे लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सुविधा उनके ही क्षेत्र में मिल सकेगी।
लाइसेंस प्रक्रिया होगी डिजिटल
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। अब आवेदकों को कागजी कार्यवाही में ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। जैसे ही ड्राइविंग स्कूल से ट्रेनिंग पूरी होगी और टेस्ट पास किया जाएगा, वैसे ही दस्तावेज ऑनलाइन आरटीओ को भेज दिए जाएंगे। आरटीओ से डिजिटल हस्ताक्षर होने के बाद लाइसेंस सीधे ऑनलाइन जारी कर दिया जाएगा।
बदलाव से जनता को क्या फायदा मिलेगा?
इस नए बदलाव से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी। पहले आरटीओ जाने की झंझट और दलालों के चक्कर लगाने की जरूरत होती थी, लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो जाएगी। इसके अलावा, ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर में आधुनिक सुविधाएं होने से लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया और भी अधिक ट्रस्टफूल बनेगी।
नए नियमों से भ्रष्टाचार में आएगी कमी
आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर सामने आती थीं। नए नियमों के तहत, ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों को टेस्टिंग और लाइसेंस जारी करने का अधिकार मिलने से इस समस्या में कमी आएगी। अब आवेदकों को सिर्फ ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल जाकर गाड़ी सीखनी होगी और वहीं से उन्हें लाइसेंस भी मिल जाएगा।
नौकरी के नए अवसर पैदा होंगे
इस योजना के तहत देशभर में हजारों ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे, जिससे नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। ट्रेनरों , तकनीकी विशेषज्ञों, आईटी कर्मियों और अन्य स्टाफ के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
युवाओं के लिए लाइसेंस बनवाना होगा आसान
अक्सर देखा जाता था कि नए वाहन चालक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कठिनाई महसूस करते थे। परीक्षा में कठिनाइयों के अलावा आरटीओ में लंबी कतारें, दलालों की मनमानी और दस्तावेजी प्रक्रिया भी बड़ी समस्या थी। अब यह सब समस्याएं खत्म हो जाएंगी, क्योंकि जहां गाड़ी सीखेंगे, वहीं से लाइसेंस भी मिलेगा।