राजस्थान के इन 23 गांवों से होकर बिछेगी पटरियां, नए रूट पर काम हुआ शुरू Pushkar-Merta Railway Line

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Pushkar-Merta Railway Line: राजस्थान के धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन प्रोजेक्ट का काम आखिरकार शुरू हो गया है। वर्षों से पेंडिंग इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 100 करोड़ रुपये के कार्य शुरू किए गए हैं। पुष्कर रेलवे स्टेशन से इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में विकास की उम्मीदें तेज हो गई हैं।

पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन क्यों है खास?

पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन केवल एक रेलवे प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की उम्मीदों और विकास की संभावनाओं का प्रतीक है। यह लाइन अजमेर और नागौर जिले को आपस में जोड़ते हुए पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट ग्रामीण इलाकों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करेगा।

पहले चरण में क्या हो रहा है काम?

प्रोजेक्ट के पहले चरण में करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से कई निर्माण कार्य शुरू हुए हैं।

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  1. रेलवे स्टेशन और क्वार्टर का निर्माण: पुष्कर रेलवे स्टेशन पर क्वार्टर, बिल्डिंग और ऑफिस बनाए जा रहे हैं।
  2. अंडरपास और ब्रिज का निर्माण: सभी रोड क्रॉसिंग पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं, साथ ही 2 बड़े ब्रिज भी बनेंगे।
  3. रेलवे ट्रैक का चौड़ाईकरण: ट्रैक को 10 सेंटीमीटर तक चौड़ा करने का काम किया जा रहा है।
  4. स्टेशन का विस्तारीकरण: पुष्कर रेलवे स्टेशन का विस्तार भी इस चरण में किया जा रहा है।

दूसरे चरण में क्या होगा?

दूसरे चरण में 600 करोड़ रुपये की लागत से महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।

  1. मिट्टी का भराव: रेल लाइन के लिए मिट्टी डालने का काम होगा।
  2. ट्रैक बिछाना: मुख्य ट्रैक बिछाने का कार्य इस चरण का मुख्य हिस्सा होगा।
  3. स्टेशन का निर्माण: भैंसड़ा और नांद में स्टेशन बनाए जाएंगे।
  4. 3 साल में प्रोजेक्ट पूरा करने का टारगेट: इस चरण के कार्य को अगले 3 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

किन गांवों से गुजरेगी यह रेल लाइन?

पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन 23 गांवों से होकर गुजरेगी। इनमें प्रमुख गांव हैं:

  • नांद
  • रावत नांद
  • रावतखेरा
  • कोढ़
  • पुरोहितासनी
  • रियांबड़ी
  • सूरियास
  • भैंसड़ा कलां
  • कात्यासनी

इन गांवों के किसान और स्थानीय निवासी इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास की उम्मीद कर रहे हैं।

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पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व

यह रेल लाइन धार्मिक स्थल पुष्कर को मेड़ता से जोड़ते हुए पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा देगी। पुष्कर, जो अपने विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर और पुष्कर मेले के लिए जाना जाता है, अब बेहतर कनेक्टिविटी के कारण और अधिक पर्यटकों को आकर्षित करेगा। साथ ही, यह रेल लाइन स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी।

भूमि अधिग्रहण और जाँच का कार्य पूरा

रेलवे मंत्रालय ने पुष्कर और मेड़ता के बीच की भूमि का सर्वेक्षण और अधिग्रहण कार्य पूरा कर लिया है। इसके लिए खेतों का नक्शा बनाकर खसरा नंबर की अधिसूचना जारी की गई है। किसानों की आपत्तियां भी ली गई हैं और अब धरातल पर कार्य शुरू हो चुका है।

वित्तीय मंजूरी और प्रशासनिक प्रक्रिया

इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार दोनों से वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत पहले चरण में प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया है। सरकार की इस पहल से स्थानीय लोगों में एक पॉजिटिव संदेश गया है।

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स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का रिएक्शन

पुष्कर और मेड़ता के स्थानीय निवासी इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद उत्साहित हैं। व्यापारियों का मानना है कि रेल लाइन के बनने से न केवल उनकी बिक्री में बढ़ोतरी होगी, बल्कि परिवहन की लागत भी कम होगी। पर्यटकों के लिए यह यात्रा और अधिक सुगम होगी, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां और अधिक बढ़ेंगी।

प्रोजेक्ट में आने वाली चुनौतियां

हालांकि प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसे समय पर पूरा करने के लिए कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं:

  1. भौगोलिक कठिनाइयां: रेल लाइन का निर्माण उन क्षेत्रों में हो रहा है, जहां भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं।
  2. भूमि अधिग्रहण की समस्याएं: कुछ किसानों और स्थानीय निवासियों ने भूमि अधिग्रहण पर आपत्ति जताई है।
  3. बजट मैनेजमेंट: बड़े पैमाने पर बजट का सही प्रबंधन और समय पर धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक चुनौती हो सकता है।

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